बहुत से लोग नाभि के महत्व को नहीं समझते हैं, लेकिन इसकी सफाई पर ध्यान देना आवश्यक है। नाभि शरीर का केंद्र है, और सरसों के तेल के त्वचा पर लगाने के कई लाभ होते हैं।
उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और दक्षिण भारत में सरसों के तेल का उपयोग सब्जियों में किया जाता है। इसे कई स्थानों पर कड़वा तेल भी कहा जाता है। यह तेल स्वास्थ्य और सुंदरता दोनों के लिए लाभकारी है।
नाभि पर रोजाना सरसों का तेल लगाने से फटे होंठ ठीक होते हैं। यह आंखों की जलन और खुजली को भी कम करता है।
इसके अलावा, नाभि पर तेल लगाने से शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन कम होती है और घुटने के दर्द में राहत मिलती है।
यह चेहरे की रंगत को भी निखारता है, इसलिए इसे नियमित रूप से लगाना चाहिए।
सरसों का तेल नाभि पर लगाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और पेट की समस्याएं दूर होती हैं।
यह हाथ-पैरों की जलन को भी कम करता है और त्वचा को कोमल बनाता है।
नाभि पर तेल लगाने से शरीर की लगभग 72000 नाड़ियों की सफाई होती है।
जो लोग नाभि खिसकने की समस्या से परेशान हैं, उन्हें रात को नाभि पर सरसों का तेल लगाकर सोना चाहिए।
सरसों के तेल की मालिश से रक्त संचार बढ़ता है, जिससे शरीर में ऊर्जा आती है। यह बुढ़ापे के लक्षणों को कम करता है और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
नवजात शिशुओं और प्रसूताओं के लिए भी यह तेल फायदेमंद है। सर्दियों में इसकी मालिश से ठंड का असर नहीं होता।
दर्द और सूजन वाले अंगों पर इसकी मालिश से आराम मिलता है।
कानों में सरसों का तेल डालने से कान के रोगों में राहत मिलती है।
जुकाम होने पर गर्म सरसों के तेल की मालिश से लाभ होता है।
दूध में सरसों को उबालकर उसमें गुलाबजल मिलाकर चेहरे पर लगाने से रंग निखरता है।
भुनी सरसों और काले तिल का उबटन करने से त्वचा में निखार आता है।
बेसन और हल्दी के साथ सरसों का तेल मिलाकर लगाने से त्वचा में चमक आती है।