पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जहां प्लेट टेक्टोनिक्स मौजूद है। यह प्रक्रिया महाद्वीपों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और माना जाता है कि इसने जीवन की उत्पत्ति में भी मदद की। लेकिन एक बड़ा वैज्ञानिक प्रश्न अभी भी बना हुआ है कि पृथ्वी पर प्लेट टेक्टोनिक्स की शुरुआत कब हुई? इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए वैज्ञानिकों ने पृथ्वी की 4.5 अरब वर्ष पुरानी सतह का अध्ययन किया है। इस नए शोध में वैज्ञानिकों ने इस रहस्य को सुलझाने के लिए पृथ्वी के प्रारंभिक मेंटल के व्यवहार और उस समय के रासायनिक तत्वों का विश्लेषण किया। यह अध्ययन प्रतिष्ठित जर्नल नेचर में प्रकाशित हुआ है।
शोधकर्ता किस बारे में बात कर रहे हैं?ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, कर्टिन विश्वविद्यालय, क्वींसलैंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और ल्योन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम ने गणितीय मॉडलिंग का उपयोग करके यह समझने का प्रयास किया कि जब पृथ्वी का कोर बन रहा था और सतह पिघले हुए लावा से ढकी हुई थी, तब क्या रासायनिक प्रक्रियाएं चल रही थीं। शोधकर्ताओं के अनुसार, पृथ्वी की सबसे प्रारंभिक सतह, जिसे प्रोटोक्रस्ट कहा जाता है, में वही रासायनिक विशेषताएं थीं जो आज की महाद्वीपीय सतह में देखी जाती हैं। उदाहरण के लिए, नियोबियम पिघलकर पृथ्वी के केन्द्र में चला गया, जबकि दुर्लभ मृदा तत्व मैग्मा के साथ सतह पर आ गए और ठण्डे होकर भूपर्पटी का निर्माण किया। इससे पता चलता है कि जिस रासायनिक संकेत को वैज्ञानिक पहले प्लेट टेक्टोनिक्स की शुरुआत का संकेत मानते थे, वह वास्तव में पृथ्वी के निर्माण के समय से ही मौजूद था।
यह शोध क्यों महत्वपूर्ण है?इस खोज के महत्वपूर्ण परिणाम हो सकते हैं। इसका अर्थ यह है कि वैज्ञानिकों का यह विचार कि महाद्वीपीय क्रस्ट ने अपनी विशिष्ट रासायनिक पहचान प्लेट टेक्टोनिक्स के प्रारंभ होने पर विकसित की थी, गलत हो सकता है। इसके विपरीत, यह अध्ययन इंगित करता है कि यह रासायनिक पहचान शुरू से ही मौजूद थी और समय के साथ इसे बार-बार पुनःचक्रित किया गया तथा द्वीप चापों में शामिल किया गया। इसलिए, अब वैज्ञानिकों को प्लेट टेक्टोनिक्स की शुरुआत का पता लगाने के लिए एक अन्य संकेतक की तलाश करनी होगी।