यह राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है. इस हिल स्टेशन का नाम माउंट आबू है. आपको यहां की सैर जरूर करनी चाहिए. इस हिल स्टेशन की सुंदरता के आगे मालदीव भी फेल है. यह हिल स्टेशन बेहद सुंदर है और टूरिस्टों का मन मोह लेता है. माउंट आबू में आपको पहाड़ भी मिलेंगे और झरने भी. यह हिल स्टेशन ट्रैकिंग और कैंपिंग के लिए भी बेस्ट है. यहां आप रॉक क्लाइम्बिंग का आनंद ले सकते हैं.
यह हिल स्टेशन अपने शांत और हरे -भरे माहौल के लिए जाना जाता है. यह हिल स्टेशन प्रकृति की गोद में बसा हुआ है और पथरीले पठार पर मौजूद है. आप कह सकते हैं कि राजस्थान जैसे सूबे में, यानी यहां के रेगिस्तान के सूखे में माउंट आबू हिल स्टेशन ताजा हवा का झोंका है. यह हिल स्टेशन अरावली की पहाड़ियों की सबसे अधिक ऊंचाई पर है. यह हिल स्टेशन समुद्र तल से लगभग 1,722 मीटर की ऊंचाई पर है.
टूरिस्ट माउंट आबू में नक्की झील की सैर कर सकते हैं. यह मानव निर्मित झील है. इस झील को भारत की पहली मानव निर्मित झील का श्रेय जाता है. इस झील में टूरिस्ट बोटिंग कर सकते हैं औरआसपास की खूबसूरत पहाड़ियों के बीच डूबते सूरज को देख सकते हैं. महात्मा गांधी की अस्थियां भी यहां विसर्जित की गई थीं. टूरिस्ट माउंट आबू की सैर करने के साथ ही यहां एडवेंचर्स एक्टिविटी भी कर सकते है. माउंट आबू दिलवाड़ा जैन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है. इस हिल स्टेशन की सबसे ऊंची चोटी गुरु शिखर चोटी है. इस हिल स्टेशन में बड़ी संख्या में मंदिर हैं. माउंट आबू का मुख्य आकर्षण गुरु शिखर पर्वत है. यह यहां का सबसे ऊंचा पर्वत है. गुरु शिखर तक लगभग 300 सीढ़ियां चढ़कर जाना होता है.