'सीमा पार कौशल विकास साझेदारी से विदेश में रोजगार के अवसर'
Samachar Nama Hindi April 16, 2025 07:42 AM

नई दिल्ली, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत विभिन्न हितधारकों के साथ सीमा पार कौशल विकास साझेदारियों पर विचार-विमर्श कर रहा है। इससे विश्व स्तरीय कार्यबल का निर्माण हो सकेगा। ऐसे कार्य कुशल लोगों को देश की सीमा के पार भी आसानी से रोजगार उपलब्ध हो सकेंगे।

भारत सरकार के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के मुताबिक नवंबर 2024 में जर्मनी के रेलवे सेक्टर में 98,000 से अधिक वैकेंसियां थीं। एक अनुमान के मुताबिक जनसांख्यिकी बदलावों के चलते 2030 तक दुनिया के अलग-अलग देशों में इस क्षेत्र में पांच मिलियन कुशल पेशेवरों की कमी होगी। ऐसे में इस सेक्टर में कुशल कार्य बल के लिए अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियां पहले की तुलना में कहीं अधिक जरूरी हैं।

सीमापार कौशल साझेदारियों के लिए एनएसडीसी ने जर्मनी व अन्य हितधारकों के साथ विचार-विमर्श किया है। जर्मनी में भारत, श्रीलंका, भूटान, मलेशिया, इंडोनेशिया सहित विभिन्न देशों से 100 प्रतिनिधि एक मंच पर इकट्ठा हुए। इन प्रतिनिधियों ने कार्यबल को भविष्य के लिए तैयार एवं विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियों पर बात की है यानी भारत के युवाओं को यदि आधुनिक उद्योगों की सही ट्रेनिंग दी जाती है तो उन्हें जर्मनी व अन्य देशों में रोजगार के अवसर सरलता से उपलब्ध हो सकेंगे।

राष्ट्रीय कौशल विकास निगम दुनिया भर के जॉब मार्केट्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए नए दौर के कौशल को बढ़ावा दे रहा है। इसके लिए उद्योग जगत की जरूरतों तथा एशिया के शिक्षा प्रदाताओं के बीच मौजूद अंतर को दूर करने की कोशिश की जा रही है। निगम के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय कार्यबल के विकास में विशेष रूप से जर्मनी की लीडरशिप पर जोर दिया गया है। साथ ही तेजी से विकसित होते उद्योग जगत में युवाओं को भविष्य के अनुसार सशक्त बनाने के लिए सामरिक एवं सीमा-पार कौशल साझेदारियों की आवश्यकता है।

एनएसडीसी इंटरनेशनल के सीईओ आलोक कुमार ने कहा, ‘‘हम विश्वस्तरीय कार्यबल की बढ़ती मांग को पूरा करने की दिशा में कार्यरत हैं। इसी के मद्देनजर कौशल की खामियों को दूर करने के लिए साझेदारियों को बढ़ावा दे रहे हैं। जर्मन उद्योगों के साथ साझेदारियां हमारी इसी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती हैं, जिसके द्वारा हम कार्यबल की कमी को दूर कर भारतीय युवाओं को विश्वस्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सक्षम बनाना चाहते हैं। उद्योग जगत की जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान कर हम सुनिश्चित करते हैं कि हमारे युवा विश्वस्तरीय जॉब मार्केट के अनुसार अपने आप को आसानी से ढाल सकें। इसी दृष्टिकोण के साथ हमारी यह साझेदारी आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाकर स्थायी विकास को बढ़ावा देगी तथा दूरदर्शी साबित होगी।’’

एनएसडीसी इंटरनेशनल ने जर्मन एम्प्लॉयर्स के साथ कौशल की खामियों, हायरिंग की उम्मीदों, उद्योग जगत की जरूरतों एवं इंटीग्रेशन योजनाओं पर विचार-विमर्श किया है। इन चर्चाओं ने भारत की कौशल एवं प्रशिक्षण प्रणाली को जर्मनी और अन्य जॉब मार्केट्स की जरूरतों के अनुकूल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

--आईएएनएस

जीसीबी/सीबीटी

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.