वित्तीय वर्ष 2024-25 की शुरुआत के साथ ही इनकम टैक्स के नियमों में बड़ा बदलाव आया है। सरकार ने मध्यवर्ग को राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक की आमदनी को टैक्स फ्री कर दिया है, लेकिन ये छूट केवल नई टैक्स व्यवस्था के तहत लागू होती है। ऐसे में सवाल उठता है – अब भी क्या पुरानी टैक्स व्यवस्था बेहतर है?
आइए जानते हैं दोनों टैक्स सिस्टम का पूरा विश्लेषण और कौन आपके लिए ज्यादा फायदेमंद है।
? क्या है नया बदलाव?12 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा (नई टैक्स व्यवस्था में)
₹50,000 की स्टैंडर्ड डिडक्शन अब नई टैक्स स्कीम में भी मिलती है
अगर आप पुरानी व्यवस्था चुनना चाहते हैं, तो ITR फाइल करते वक्त विकल्प चुनना होगा
✅ नई टैक्स व्यवस्था (FY 2024-25):
₹0 – ₹3 लाख | 0% |
₹3 – ₹6 लाख | 5% |
₹6 – ₹9 लाख | 10% |
₹9 – ₹12 लाख | 15% (FY 25 में माफ) |
₹12 – ₹15 लाख | 20% |
₹15 लाख से अधिक | 30% |
? अगर आपकी आय ₹12 लाख तक है, तो कोई टैक्स नहीं लगेगा।
✅ पुरानी टैक्स व्यवस्था:
₹0 – ₹2.5 लाख | 0% |
₹2.5 – ₹5 लाख | 5% |
₹5 – ₹10 लाख | 20% |
₹10 लाख से ऊपर | 30% |
₹1.5 लाख की छूट – धारा 80C (LIC, PPF, ELSS, आदि)
₹50,000 – 80CCD(1B) (NPS)
₹25,000 – ₹50,000 – 80D (स्वास्थ्य बीमा)
HRA, होम लोन पर ब्याज, एजुकेशन लोन पर छूट
? अगर आपकी आय ₹12 लाख या उससे कम है
✅ नई टैक्स स्कीम चुनें, आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा और निवेश की बाध्यता भी नहीं है।
? अगर आपकी आय ₹12 लाख से ज्यादा है और आप निवेश करते हैं
✅ पुरानी स्कीम फायदेमंद साबित हो सकती है, क्योंकि आप ज्यादा छूट का लाभ ले सकते हैं।
? उदाहरण से समझेंवेतन: ₹15 लाख
छूट (पुरानी व्यवस्था): ₹2.75 लाख
टैक्सेबल इनकम (पुरानी): ₹12.25 लाख
टैक्सेबल इनकम (नई): ₹14.5 लाख
➡️ पुरानी व्यवस्था में टैक्स कम आ सकता है
₹7 लाख या कम | नई टैक्स स्कीम |
₹12 लाख या कम | नई टैक्स स्कीम |
₹12 लाख से अधिक + अच्छा निवेश | पुरानी टैक्स स्कीम |