रिटायरमेंट प्लानिंग आपके बुज़ुर्ग जीवन को सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाने का सबसे अच्छा तरीका है। केवल EPF या पेंशन पर निर्भर रहना अब पर्याप्त नहीं है। ऐसे में, निवेश के सही विकल्पों को चुनकर आप अतिरिक्त आय का स्रोत तैयार कर सकते हैं।
आज हम जानेंगे कि PPF में जमा राशि को रिटायरमेंट के बाद SCSS (सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम) या SWP (सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान) में निवेश करना ज्यादा फायदेमंद रहेगा।
👴 रिटायरमेंट की तैयारी क्यों जरूरी है?आमतौर पर लोग 35-40 की उम्र के बाद रिटायरमेंट की योजना बनाना शुरू करते हैं। हालांकि नौकरीपेशा लोगों की सैलरी से PF कटता है, लेकिन रिटायरमेंट के समय मिलने वाली राशि से हर ज़रूरत पूरी होना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में ₹5000 प्रति माह बचाकर एक मजबूत फंड तैयार किया जा सकता है।
📈 पहला चरण: पहले 15 साल तक PPF में निवेश करेंमान लीजिए:
15 वर्षों बाद रिटर्न:
PPF निवेश पर टैक्स छूट मिलती है और यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प है।
💰 दूसरा चरण: PPF की राशि को SCSS या SWP में लगाएं60 वर्ष की उम्र के बाद, PPF में मिली राशि को फिर से निवेश किया जा सकता है। आइए जानते हैं SCSS और SWP दोनों के संभावित लाभ।
✅ विकल्प 1: सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS)लाभ:
SCSS सरकारी योजना है, इसलिए सुरक्षित और निश्चित रिटर्न मिलते हैं।
📊 विकल्प 2: सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान (SWP)लाभ:
SWP बाजार से जुड़ा निवेश है, इसलिए जोखिम रहता है लेकिन रिटर्न अधिक हो सकते हैं।
🆚 SCSS बनाम SWP – कौन है बेहतर?जोखिम | कम | मध्यम से उच्च |
रिटर्न का प्रकार | निश्चित | बाजार आधारित |
तरलता | सामान्य | अधिक |
आय की आवृत्ति | त्रैमासिक | मासिक |
टैक्स लाभ | सेक्शन 80C | पूंजी लाभ कर लागू |
यदि आप सुरक्षित और स्थिर आय चाहते हैं, तो SCSS आपके लिए बेहतर रहेगा। लेकिन यदि आप जोखिम लेने में सक्षम हैं और अधिक रिटर्न की तलाश में हैं, तो SWP अच्छा विकल्प हो सकता है।
आपकी उम्र, ज़रूरत और जोखिम क्षमता के आधार पर सही योजना का चयन करना ही सबसे सही निर्णय होगा। कई लोगों के लिए दोनों का संयोजन भी एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।