गरुड़ पुराण के अनुसार ये आदतें मनुष्य को बनाती है गरीब, आप में भी हैं तो आज ही बदल लें
Varsha Saini April 29, 2025 04:05 PM

PC: Samachar nam

भारतीय धार्मिक ग्रंथों में गरुड़ पुराण में केवल मर्त्यु के बाद की दुनिया और कर्मकांड के बारे में ही जानकारी नहीं है, बल्कि इसमें जीवन जीने के अनेक रहस्य भी बताए गए हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार व्यक्ति की कुछ आदतें ही जीवन में उसकी दिशा तय करती हैं। यदि कुछ बुरी आदतें समय रहते न बदली जाएं, तो व्यक्ति लगातार गरीबी, दुख और असफलताओं से घिरा रहता है। हम आपको उन आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके कारण मनुष्य का कभी अच्छा समय नहीं आता और वो गरीबी का शिकार रहता है। 


1. आलस्य 

गरुड़ पुराण के अनुसार जो व्यक्ति अपने कार्यों से दूर भागता है और मेहनत नहीं करता, साथ ही आलस्य को अपना मित्र बना लेता है, वह जीवन में कभी समृद्ध नहीं हो सकता। ऐसे लोग गरीबी का शिकार रहते हैं। 

2. फिजूलखर्ची
गरुड़ पुराण के अनुसार, जो लोग केवल फिजूलखर्ची करते रहते हैं और अपने धन को बिना सोचे समझे  खर्च करते रहते हैं उन्हें भविष्य में गंभीर आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ता है।  


3. गलत संगति 
आपकी संगत कैसी है, इस बात पर आपका जीवन टिका रहता है। यदि कोई व्यक्ति दुष्टों, अपराधियों या आलसी व्यक्तियों की संगति करता है तो वह खुद भी गलत दिशा में जाने लगता है। इस से आपको आर्थिक समस्याओं के साथ साथ सामाजिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। 

4. क्रोध और वाणी पर नियंत्रण न रखना
गरुड़ पुराण क्रोध में इंसान की वाणी तो कटु हो ही जाती है साथ ही वह गलत निर्णय भी लेता है। इस से अपयश और आर्थिक नुकसान दोनों का शिकार होता है। इसलिए क्रोध से बचना चाहिए। 


5. अहंकार
जिस व्यक्ति में अहंकार होता है वह खुद को दूसरों से बढ़ कर मानता है और कभी किसी से कुछ नहीं सीखता। परिणामस्वरूप, वह कई अवसरों से वंचित रह जाता है। 

6. माता-पिता और गुरु का अपमान
गरुड़ पुराण के अनुसार जो अपने माता पिता और गुरु का सम्मान नहीं करता उसे जीवन में कभी स्थायी सुख और समृद्धि नहीं मिलती। ऐसे लोग धन तो कमा सकते हैं, लेकिन वह धन टिकता नहीं है।

7. धर्म और दान से विमुख होना
जो लोग केवल अपने आप से मतलब रखते हैं और धर्म और दान में भाग नहीं लेते, उनके जीवन में स्थायी समृद्धि नहीं टिकती। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि दान करने से धन की पवित्रता बढ़ती है और उसका सकारात्मक फल मिलता है।

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