चंडीगढ़ शराब नीलामी: 19 मई को होगी छठी बोली, सात कारोबारियों को किया गया ब्लैकलिस्ट
newzfatafat May 17, 2025 08:42 PM
चंडीगढ़ शराब नीलामी: जानें पूरी कहानी

चंडीगढ़ में शराब ठेकों की नीलामी (Chandigarh Liquor Auction) एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग 19 मई को 11 ठेकों की छठी नीलामी आयोजित करने जा रहा है। इस बार सात प्रमुख शराब कारोबारियों को ब्लैकलिस्ट किए जाने की खबर ने हलचल मचा दी है। अब तक इस नीलामी प्रक्रिया से चंडीगढ़ प्रशासन ने 606 करोड़ रुपये की कमाई की है, लेकिन बार-बार लाइसेंस रद्द होने और विवादों ने पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं। आइए, इस नीलामी की पूरी जानकारी और ताजा अपडेट्स पर नजर डालते हैं।


चंडीगढ़ शराब नीलामी: अब तक की स्थिति

इस साल चंडीगढ़ में शराब ठेकों की नीलामी सबसे चर्चित विषय रही है। 21 मार्च को हुई पहली नीलामी में 97 में से 96 ठेके बिके, जिससे सरकार को 606 करोड़ रुपये की शानदार कमाई हुई। यह चंडीगढ़ की सबसे सफल नीलामी मानी गई। इसके बाद 21 अप्रैल को 48 ठेकों की नीलामी हुई, लेकिन बैंक गारंटी जमा न करने के कारण कई लाइसेंस रद्द हो गए और केवल 20 ठेके बिके।


29 अप्रैल को तीसरी नीलामी में 28 में से सिर्फ 7 ठेके बिके। 8 मई को 21 में से 11 ठेकों ने 60.76 करोड़ रुपये की कमाई की, जो उनकी आरक्षित कीमत 47.97 करोड़ से अधिक थी। हाल ही में 14 मई को 17 में से 6 ठेकों की नीलामी हुई, जिससे 24.32 करोड़ की बेस प्राइस के मुकाबले 39.60 करोड़ रुपये मिले। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि नीलामी प्रक्रिया में उत्साह तो है, लेकिन कई ठेके बार-बार अनबिके रह जा रहे हैं।


सात कारोबारियों का ब्लैकलिस्ट होना: विवाद का कारण

इस नीलामी के दौरान सबसे बड़ा झटका तब लगा, जब सात प्रमुख शराब कारोबारियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। ये कारोबारी सिक्योरिटी मनी जमा करने में असफल रहे, जिसके कारण उनके ठेकों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए। इनमें सेक्टर-20डी, सेक्टर-22बी, सेक्टर-22सी, इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1, और मनीमाजरा के शिवालिक गार्डन के सामने वाले ठेके शामिल हैं।


विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि इस तरह का गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार नीलामी की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है। इन कारोबारियों को न केवल चंडीगढ़ की भविष्य की नीलामियों से बाहर किया गया है, बल्कि अन्य राज्यों को भी इन्हें ब्लैकलिस्ट करने और बकाया वसूली के निर्देश दिए गए हैं। यह कदम नीलामी प्रक्रिया को मजबूत बनाने की दिशा में उठाया गया है।


19 मई की नीलामी का महत्व

19 मई को होने वाली छठी नीलामी में 11 ठेकों को फिर से बोली के लिए रखा जाएगा। ये ठेके वे हैं, जो पिछले नीलामियों में नहीं बिके या जिनके लाइसेंस रद्द हुए। विभाग को उम्मीद है कि इस बार सभी ठेके बिक जाएंगे, क्योंकि पिछले अनुभवों से बोलीदाताओं को प्रक्रिया की गंभीरता का अंदाजा हो चुका है। साथ ही, ब्लैकलिस्टिंग के बाद नए और जिम्मेदार कारोबारी सामने आ सकते हैं।


चंडीगढ़ प्रशासन का लक्ष्य है कि इस नीलामी से न केवल राजस्व बढ़े, बल्कि प्रक्रिया की विश्वसनीयता भी बनी रहे। पिछले रुझानों को देखते हुए, ठेकों की कीमत उनकी बेस प्राइस से कहीं अधिक रही है, जो कारोबारियों में रुचि को दर्शाता है।


नीलामी में पारदर्शिता का महत्व

चंडीगढ़ की शराब नीलामी से जुड़े विवादों ने पारदर्शिता के मुद्दे को और महत्वपूर्ण बना दिया है। बार-बार लाइसेंस रद्द होना और ठेके अनबिके रहना नीलामी की प्रक्रिया पर सवाल उठाता है। विभाग ने ब्लैकलिस्टिंग जैसे सख्त कदम उठाकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि नियमों का पालन न करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।


इसके अलावा, नीलामी से होने वाली कमाई चंडीगढ़ के विकास कार्यों में इस्तेमाल होती है, इसलिए यह प्रक्रिया न केवल आर्थिक, बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। अगर नीलामी पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष होगी, तो न केवल कारोबारियों का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि आम जनता को भी इसका लाभ मिलेगा।


चंडीगढ़ की शराब नीलामी का यह सिलसिला अभी खत्म नहीं हुआ है। 19 मई की नीलामी के बाद भी अगर कोई ठेका अनबिका रहता है, तो उसे अगली बोली में शामिल किया जाएगा। विभाग की कोशिश है कि सभी ठेके बिकें और राजस्व का लक्ष्य पूरा हो।


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