बंगाल : ईडी ने एलएफएस ब्रोकिंग के खिलाफ की बड़ी कार्रवाई, 266 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा
Samachar Nama Hindi May 24, 2025 06:42 AM

कोलकाता, 23 मई (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत एलएफएस ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशकों/संबंधित व्यक्तियों से जुड़े विभिन्न परिसरों पर तलाशी अभियान चलाया।

इस कार्रवाई के दौरान अपराध की आय से जुड़े 118 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है तथा 63 अचल संपत्तियों की बिक्री या स्थानांतरण पर रोक लगा दी गई है, जिनकी कीमत कई करोड़ रुपए आंकी जा रही है।

फ्रीज की गई संपत्तियों में दो होटल, एक रिसॉर्ट, जमीन के कई प्लॉट, एक आवासीय बंगला, फ्लैट्स और दुबई के ईगल हाइट्स में एक संपत्ति शामिल हैं। इन संपत्तियों का बाजार मूल्य अभी आंका जा रहा है।

इसके अलावा, दिलीप कुमार मैती और मोहम्मद अनारुल इस्लाम नामक दो व्यक्तियों को पीएमएलए की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों को कोलकाता की विशेष पीएमएलए अदालत में प्रस्तुत किया गया, जहां अदालत ने उन्हें 11 दिनों की ईडी कस्टडी में भेज दिया।

यह मामला आम जनता से धोखाधड़ी कर निवेश जुटाने से जुड़ा है। अभियुक्तों ने एलएफएस ब्रोकिंग के नाम पर उच्च रिटर्न का झूठा वादा कर लोगों से पैसे लिए। यह कंपनी सेबी के पास शेयर ब्रोकिंग और निवेश गतिविधियों के लिए पंजीकृत थी। लेकिन आरोपियों ने जानबूझकर एलएफएस ब्रोकिंग एंड पीएमएस सर्विसेज नाम से एक समान नाम वाली फर्म बनाकर जनता को गुमराह किया।

निवेशकों को यह विश्वास दिलाया गया कि उनका पैसा सेबी-रजिस्टर्ड कंपनी में लगाया जा रहा है, जबकि वास्तव में वह पैसा एलएफएस ब्रोकिंग एंड पीएमएस सर्विसेज में डाला गया और फिर कई कंपनियों/फर्मों के जाल के माध्यम से होटल, रिसॉर्ट और दुबई की संपत्तियों जैसी अचल संपत्तियों में लगाया गया।

अभियुक्तों ने सेमिनार, ऑनलाइन विज्ञापन, सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से ऊंचे रिटर्न के झूठे वादों के जरिए निवेशकों को फंसाया। धीरे-धीरे उनकी धोखाधड़ी कई राज्यों में फैल गई और जब निवेश की गई राशि वापस नहीं मिली, तो कंपनी और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई।

सेबी ने साल 2024 में धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद कंपनी का पंजीकरण रद्द कर दिया। फिलहाल लगभग 266 करोड़ रुपए की अपराध आय की पहचान हो चुकी है और आगे की जांच में इस राशि के और बढ़ने की संभावना है।

--आईएएनएस

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