केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA) एक महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता है, जो हर छह महीने में बढ़ती महंगाई के अनुरूप वेतन में जोड़ी जाती है। कोविड-19 महामारी के दौरान, केंद्र सरकार ने जनवरी 2020 से जून 2021 तक 18 महीने के लिए डीए और डीआर (Dearness Relief) की तीन किस्तों को रोक दिया था।
इस फैसले का असर लगभग 50 लाख कर्मचारियों और 60 लाख पेंशनर्स पर पड़ा, जिससे इन सभी को आर्थिक नुकसान हुआ। इसके बाद से ही कर्मचारी संगठन और पेंशनर्स लगातार सरकार से 18 महीने के डीए एरियर की मांग कर रहे हैं।
बीते कुछ सालों में डीए एरियर को लेकर कई बार उम्मीद जगी, लेकिन हर बार सरकार की ओर से या तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया या फिर निराशा ही हाथ लगी। संसद में भी इस मुद्दे को कई बार उठाया गया। कर्मचारी संगठनों ने प्रदर्शन किए, ज्ञापन सौंपे और यहां तक कि न्यायिक स्तर पर जाने की भी बात कही।
अब 2025 में एक बार फिर सरकार का रुख और निर्णय सामने आया है, जिससे लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स की उम्मीदों को झटका लगा है। आइए जानते हैं डीए एरियर से जुड़ा पूरा मामला, सरकार का ताजा निर्णय, कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया और आगे की संभावनाएं।
बिंदु | विवरण |
डीए एरियर की अवधि | जनवरी 2020 से जून 2021 (18 महीने) |
प्रभावित कर्मचारी/पेंशनर्स | लगभग 50 लाख कर्मचारी, 60 लाख पेंशनर्स |
रोकी गई किस्तें | 3 (जनवरी 2020, जुलाई 2020, जनवरी 2021) |
सरकार का निर्णय | डीए एरियर का भुगतान नहीं किया जाएगा |
संसद में जवाब | वित्त मंत्रालय ने लिखित में स्पष्ट किया |
कर्मचारी संगठनों की मांग | बकाया राशि ब्याज सहित दी जाए |
सुप्रीम कोर्ट का हवाला | कर्मचारी संगठनों ने ब्याज सहित भुगतान की मांग की |
बजट 2025 में स्थिति | कोई राहत या घोषणा नहीं |
किस्तों में भुगतान का सुझाव | कर्मचारी संगठनों ने किस्तों में भुगतान का सुझाव दिया |
आगे की रणनीति | संगठन कानूनी और आंदोलनात्मक कदमों पर विचार कर रहे हैं |
2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने वित्तीय दबाव के चलते डीए और डीआर की तीन किस्तें रोक दी थीं। इसका सीधा असर लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स पर पड़ा। इसके बाद जुलाई 2021 से डीए-डीआर की किस्तें फिर से शुरू कर दी गईंलेकिन 18 महीने की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया।
कर्मचारी संगठनों ने लगातार सरकार से मांग की कि यह बकाया राशि ब्याज सहित दी जाए, क्योंकि इस दौरान महंगाई तेजी से बढ़ी और कर्मचारियों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
कई बार यह खबरें भी आईं कि सरकार जल्द ही डीए एरियर का भुगतान करने जा रही है, जिससे कर्मचारियों में उम्मीद जगी।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि सरकार ने मंजूरी दे दी है और राशि चार किस्तों में दी जाएगी। हालांकि, सरकार की ओर से संसद में दिए गए ताजा जवाब के अनुसार, फिलहाल डीए एरियर देने का कोई विचार नहीं है।
डीए एरियर की राशि कर्मचारी के वेतन और ग्रेड पर निर्भर करती है। लेवल-1 के कर्मचारियों को 11,800 रुपये से 37,554 रुपये तक, जबकि लेवल-13 या 14 के कर्मचारियों को 1,44,200 रुपये से 2,18,200 रुपये तक बकाया मिल सकता था।
यह राशि अगर दी जाती तो चार किस्तों में दी जाती, जिससे सरकारी खजाने पर एक साथ ज्यादा बोझ न पड़े।
सरकार ने संसद में स्पष्ट किया है कि 18 महीने के डीए एरियर का भुगतान नहीं किया जाएगा। वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान सरकारी वित्त पर दबाव था और कल्याणकारी योजनाओं के लिए फंड की जरूरत थी, इसलिए डीए-डीआर की तीन किस्तें रोकनी पड़ीं।
अब इन्हें जारी करने का कोई इरादा नहीं है। बजट 2025 में भी इस संबंध में कोई घोषणा नहीं की गईजिससे कर्मचारियों की निराशा और बढ़ गई।
कर्मचारी संगठनों ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। उनका कहना है कि महंगाई के इस दौर में 18 महीने का डीए एरियर न मिलना कर्मचारियों के साथ अन्याय है।
संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए मांग की थी कि बकाया राशि ब्याज सहित दी जाए। कई संगठनों ने सरकार को ज्ञापन सौंपे और आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
डीए एरियर की गणना कर्मचारी के बेसिक वेतन, ग्रेड पे और रोकी गई किस्तों के प्रतिशत के आधार पर होती है। जैसे-जैसे डीए की दरें बढ़ती हैं, उसी अनुपात में बकाया राशि भी बढ़ती जाती है।
उदाहरण के लिए, लेवल-1 कर्मचारी को 18 महीने के लिए 11,800 से 37,554 रुपये तक मिल सकते थे, जबकि उच्च ग्रेड के कर्मचारियों को 2 लाख रुपये से ज्यादा मिल सकते थे।
बीते महीनों में कई मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर यह खबरें चलीं कि सरकार डीए एरियर देने जा रही है, लेकिन संसद में दिए गए जवाब और बजट 2025 की घोषणाओं से स्पष्ट है कि फिलहाल ऐसा कोई निर्णय नहीं हुआ है। कर्मचारी संगठनों की मांगें जारी हैं, लेकिन सरकार अपने फैसले पर अडिग है।
कर्मचारी संगठन अब कानूनी और आंदोलनात्मक रास्तों पर विचार कर रहे हैं। कुछ संगठन सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैंजबकि अन्य सरकार के साथ बातचीत जारी रखने के पक्ष में हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अब कर्मचारियों को आने वाली डीए वृद्धि और आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
डीए एरियर का मुद्दा लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बेहद अहम है। कोविड-19 महामारी के दौरान रोकी गई 18 महीने की डीए और डीआर किस्तों का बकाया लंबे समय से चर्चा में रहा।
हालांकि, 2025 में सरकार ने संसद में स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल इस बकाया का भुगतान नहीं किया जाएगा।
इससे कर्मचारियों और पेंशनर्स में निराशा है, लेकिन संगठन अपनी मांगें जारी रखे हुए हैं। अब उम्मीदें आठवें वेतन आयोग और भविष्य की डीए वृद्धि पर टिकी हैं। कर्मचारियों को चाहिए कि वे अफवाहों से बचें और केवल सरकारी घोषणाओं पर ही भरोसा करें।
अस्वीकरण: यह लेख विभिन्न समाचार रिपोर्ट्स, संसद में दिए गए सरकारी जवाब और कर्मचारी संगठनों के बयानों पर आधारित है। सरकार ने फिलहाल 18 महीने के डीए एरियर का भुगतान न करने का स्पष्ट निर्णय लिया है।
सोशल मीडिया या अन्य स्रोतों से आई किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें। डीए एरियर का मुद्दा वास्तविक है, लेकिन वर्तमान में सरकार इसके भुगतान के पक्ष में नहीं है। भविष्य में कोई बदलाव होता है तो उसकी जानकारी आधिकारिक माध्यम से ही मिलेगी।