हर शिव मंदिर में लगती है श्रद्धालुओं की भीड़
सावन के दौरान देशभर के शिव मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें देखी जाती हैं। लोग जल, बेलपत्र, दूध और अन्य पूजन सामग्री लेकर भोलेनाथ का अभिषेक करने पहुंचते हैं। इस महीने में शिव का नाम लेने से जीवन में शांति और सुख की प्राप्ति होती है।
कब से शुरू होगी कांवड़ यात्रा?
पंचांग के अनुसार, श्रावण मास का आरंभ 11 जुलाई 2025 को रात 2:06 बजे से हो रहा है। यह तिथि 12 जुलाई की रात 2:08 बजे तक चलेगी। यानी श्रावण मास की शुरुआत 11 जुलाई से मानी जाएगी। उसी दिन से कांवड़ यात्रा भी शुरू हो जाएगी, जो 23 जुलाई को सावन शिवरात्रि के दिन पूरी होती है।
सावन शिवरात्रि की तारीख 2025
श्रावण मास की शिवरात्रि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस बार यह तिथि 23 जुलाई 2025 को सुबह 4:39 बजे से शुरू होकर 24 जुलाई की रात 2:28 बजे तक रहेगी। अतः सावन शिवरात्रि का पर्व 23 जुलाई को मनाया जाएगा।
कांवड़ यात्रा के प्रकार
कांवड़ यात्रा की परंपरा बहुत पुरानी है और इसकी शुरुआत भगवान परशुराम द्वारा मानी जाती है। यह यात्रा चार प्रकार की होती है:
साधारण कांवड़ यात्रा,सामान्य गति से की जाती है।
खड़ी कांवड़ यात्रा, पूरी यात्रा में कांवड़ जमीन पर नहीं रखी जाती।
दांडी कांवड़ यात्रा,हर कदम पर कांवड़िया दंडवत प्रणाम करता है।
डाक कांवड़ यात्रा,यह सबसे तेज यात्रा होती है, जो दौड़ते हुए पूरी की जाती है।
कांवड़ यात्रा से पहले क्या रखें ध्यान
कांवड़ यात्रा पर जाने वाले भक्तों को कुछ नियमों का पालन करना चाहिए:
यात्रा से पहले सात्विक जीवन अपनाएं।
मांसाहारी भोजन, शराब, सिगरेट, तंबाकू से दूर रहें।
बुरे विचारों और गुस्से से खुद को बचाएं।
शुद्धता और संयम के साथ यात्रा करें।