53 वर्षीय मनमोहन सिंह ने एक विशेष अभियान की शुरुआत की है। पंचकूला के सेक्टर-15 में रहने वाले इस व्यवसायी ने हर सुबह प्लास, पेचकस और अन्य औजारों के साथ सड़कों पर निकलना शुरू किया है।
मनमोहन सिंह, जिन्हें लोग प्यार से बंटी कहते हैं, का पेड़ों के प्रति गहरा लगाव है। वह सुबह-सुबह गलियों और सड़कों पर निकलकर उन पेड़ों से कीलें और तारें निकालते हैं, जिनमें ये चीजें लगी होती हैं। उनका मानना है कि पेड़ों और हमारी हरियाली को बचाने के लिए यह जरूरी है, भले ही इस दौरान उन्हें चोट लगे या लोग उन्हें पागल समझें।
मनमोहन ने बताया कि पंचकूला में शराब की दुकानों के बाहर पेड़ों पर रंग-बिरंगी लाइटें लिपटी होती हैं। उन्होंने सभी दुकानदारों से अनुरोध किया कि वे इन लाइटों को हटा दें, और धीरे-धीरे सभी ने उनकी बात मान ली। उन्होंने 80-90 पेड़ों से एलईडी लाइटें हटवाई हैं, क्योंकि ये पेड़ों के लिए हानिकारक होती हैं।
यह मुहिम पंचकूला से शुरू होकर चंडीगढ़ और मोहाली तक फैल गई है। मनमोहन ने कहा कि वह अब तक कितने पेड़ों को मुक्त कर चुके हैं, इसकी गिनती नहीं रखते, बल्कि उनका उद्देश्य केवल उनकी सेवा करना है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि वह सप्ताह में तीन दिन पेड़ों की देखभाल करते हैं, सुबह 5 से 7 बजे तक। वह लोगों से अपील करते हैं कि वे अपने आस-पास के पेड़ों को अपनाएं और उन्हें तारों, कीलों या होर्डिंग से मुक्त करवाएं। नए पौधे लगाना भी महत्वपूर्ण है, लेकिन बड़े पेड़ों की सुरक्षा करना भी आवश्यक है।