ऊपर रोडवेज बस मार्ग: वाराणसी के ग्रामीण इलाकों में यात्रा करने वाले लोगों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है. उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने घोषणा की है कि वह 46 नए रूटों पर 59 ग्रामीण बसों का संचालन शुरू करेगा. इस योजना के तहत प्रतिदिन लगभग 10 हजार यात्रियों को सीधा लाभ मिलेगा. इससे वाराणसी के 600 से अधिक गांव तो लाभान्वित होंगे ही, साथ ही चंदौली, भदोही, जौनपुर, सोनभद्र और गाजीपुर के निवासी भी इसका फायदा उठा सकेंगे.
प्रदेश सरकार शहरों को गांवों से जोड़ने के प्रयासों में तेजी से जुटी है. इसके तहत वाराणसी मंडल में भी रूरल जोन को राज्य परिवहन निगम से जोड़ा जा रहा है. वर्तमान में चौधरी चरण सिंह बस अड्डे से प्रतिदिन 560 से ज्यादा बसों का संचालन होता है और लगभग 60 से 70 हजार यात्री इन बसों में सफर करते हैं. यदि ग्रामीण रूटों को जोड़ा जाता है, तो यात्री संख्या में 10 हजार की और बढ़ोतरी हो सकती है.
क्षेत्रीय प्रबंधक परशुराम पांडे के मुताबिक, वर्तमान में मंडल में 39 मार्गों पर ग्रामीण बसें चल रही हैं. नई योजना के अंतर्गत 59 बसों की मांग की गई है जो कि 46 नए रूटों पर चलाई जाएंगी. ये बसें 7 और 9 मीटर की लंबाई वाली होंगी, जिनमें 28 से 40 सीटर की सुविधा मिलेगी. यह कदम कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने और ग्रामीण जनता की यात्रा को आसान बनाने की दिशा में उठाया गया है.
ग्रामीण यात्रियों की सुविधा के लिए रामनगर-जौनपुर-वाराणसी, नहौरा-जौनपुर-प्रयागराज, देवगढ़-सोनभद्र-वाराणसी, वाराणसी-गोपीगंज-ज्ञानपुर, बाराचाउर-गाजीपुर-वाराणसी, बीरपुर-गाजीपुर-वाराणसी, चितबड़ा-बलिया-गाजीपुर, बहारियाबाद-गाजीपुर, रासेपुर-जमानिया-गाजीपुर, इजरी-जौनपुर-वाराणसी, और शेरपुर-गाजीपुर-वाराणसी जैसे 46 ग्रामीण रूटों पर बसें चलाई जाएंगी.
रोडवेज की नई बसें केवल वाराणसी ही नहीं बल्कि जौनपुर, भदोही, चंदौली, गाजीपुर और सोनभद्र के ग्रामीण क्षेत्रों को भी शहरों से जोड़ेगी. इस योजना के तहत 40 सीटर की 37 बसें और 28 सीटर की 22 बसें चलाई जाएंगी. इससे स्कूल, नौकरी, इलाज और व्यापार के लिए शहर आने-जाने वाले यात्रियों को सीधी सुविधा मिलेगी.
यह पहल सिर्फ वाराणसी तक सीमित नहीं है. उत्तर प्रदेश परिवहन निगम पूरे प्रदेश में 28000 गांवों को जोड़ने के लिए 1540 ग्रामीण रूट तैयार कर चुका है. इनमें से 1130 रूट पुराने, जबकि 410 रूट नए हैं जिन पर पहली बार बसें चलाई जाएंगी. वर्तमान में लगभग 400 रूटों पर परमिट जारी किया जा चुका है और जल्द ही इन पर बसें चलने लगेंगी.
इन रूटों पर परिवहन निगम की ओर से 12377 अनुबंधित बसें तैनात की जाएंगी. बाकी बची रूटों पर निगम खुद बसें चलाएगा, जिसके लिए ड्राइवर और कंडक्टर की भर्तियां भी की जा चुकी हैं. यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है.