हीटवेव के कारण मानसून पड़ा धीमा, 14 जून से मौसम बदलेगा अपनी करवट Moosam Update – अभी पढ़ें ये खबर
Rahul Mishra (CEO) June 12, 2025 11:25 PM

Moosam अद्यतन: इस साल मॉनसून ने भले ही समय से पहले दस्तक दी हो, लेकिन लोगों को जो राहत मिलनी चाहिए थी, वह अधूरी रह गई. आमतौर पर जून की शुरुआत तक देश के कई हिस्सों में अच्छी बारिश हो जाती है और गर्मी का सितम थमता नजर आता है, लेकिन इस बार मौसम ने फिर से चाल बदल दी. मई के अंतिम सप्ताह तक लोगों को गर्मी से कुछ राहत जरूर मिली थी, लेकिन जून के पहले हफ्ते में आसमान से पानी की जगह आग बरसने लगी. हीटवेव अपने चरम पर पहुंच चुकी है और 29 मई के बाद से मॉनसून की गति थमी हुई है.

अब 14 जून से फिर बढ़ेगा मॉनसून!

मौसम विभाग (IMD) ने अब लोगों को थोड़ी राहत की उम्मीद दी है. विभाग के मुताबिक, 29 मई से रुका हुआ दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 14 जून तक दोबारा सक्रिय हो सकता है और उत्तर भारत की ओर बढ़ना शुरू करेगा. अभी मॉनसून की गतिविधियां मुंबई से लेकर सिक्किम और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल तक सीमित हैं.

बंगाल की खाड़ी के सिस्टम से मिलेगी ताकत

स्काईमेट वेदर सर्विसेज के प्रेसिडेंट जीपी शर्मा के अनुसार, मॉनसून के दो बड़े सिस्टम सक्रिय हैं, जिनमें से एक अब भी विकसित हो रहा है. बंगाल की खाड़ी में बने इन सिस्टमों से न सिर्फ पहले से बारिश वाले क्षेत्रों में फिर से सक्रियता आएगी, बल्कि उत्तर और पश्चिम भारत की ओर भी मॉनसून बढ़ेगा.

चक्रवाती परिसंचरण देगा रफ्तार

शर्मा ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य क्षेत्र में बना चक्रवाती परिसंचरण आंध्र प्रदेश, रायलसीमा और कर्नाटक में बारिश लाएगा. सप्ताहांत तक कोंकण और गोवा में भारी बारिश की संभावना है. 14 जून को बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भाग में एक और परिसंचरण बनने की संभावना है, जो ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा. इससे मॉनसून को नई दिशा और ऊर्जा मिलेगी.

कमजोर इलाकों में भी लौटेगा मानसून

इन मौसमीय प्रणालियों के संयुक्त असर से पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में भी मॉनसून फिर से जोर पकड़ सकता है. उत्तर भारत में भी मॉनसून की उत्तरी सीमा के विस्तार की उम्मीद जताई गई है, जिससे भीषण गर्मी से राहत मिल सकती है.

IMD ने कहा – अनुकूल हो रहे हैं हालात

IMD के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की है कि 14 जून तक मध्य और पूर्वी भारत में मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए हालात अनुकूल हो रहे हैं. हालांकि, बंगाल की खाड़ी में बन रहे दूसरे सिस्टम की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. अधिकारी के मुताबिक, उत्तर ओडिशा और आसपास के क्षेत्रों में चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है जो मॉनसून को सहारा दे रहा है.

कहां-कहां हो सकती है बारिश?

मौसम विभाग के अनुसार, 12 जून से दक्षिण महाराष्ट्र और उसके बाद राज्य के अन्य हिस्सों में अच्छी बारिश की संभावना है. केरल और कर्नाटक में पहले से ही मॉनसून सक्रिय है और आने वाले दिनों में वहां हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी की गई है.

उत्तर भारत में गर्मी का कहर जारी

IMD ने उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत के कई हिस्सों में हीटवेव अलर्ट जारी किया है. इनमें उत्तर मध्य प्रदेश, पश्चिमी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश शामिल हैं. 13 जून से गर्मी में कुछ धीरे-धीरे राहत मिलने की संभावना है क्योंकि तब तक मॉनसून प्रणाली पश्चिम की ओर बढ़ना शुरू कर देगी.

क्यों बार-बार अटक जाता है मॉनसून?

आमतौर पर 1 जून तक मॉनसून केरल पहुंचता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है. लेकिन मॉनसून धाराएं कभी तेज तो कभी कमजोर होती रहती हैं. यह कई दिनों तक एक ही स्थान पर रुक जाती हैं, जिससे अलग-अलग क्षेत्रों में देर से बारिश शुरू होती है.

बंगाल की खाड़ी के ऊपर बनती कम दबाव की प्रणाली मॉनसून को मजबूती देने में मदद करती है. कभी-कभी ये धाराएं बिना किसी सिस्टम के भी सक्रिय हो जाती हैं, लेकिन शुरुआत के बाद भी पूरे क्षेत्र में समान रूप से बारिश नहीं होती. इसके कारण लंबे शुष्क दौर आ जाते हैं, जिनमें तापमान सामान्य से काफी ऊपर पहुंच जाता है.

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