ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बुधवार को अमेरिका को सीधी चेतावनी देते हुए कहा कि ईरान को निशाना बनाकर किए जा रहे इजराइली हमलों में अगर अमेरिका शामिल हुआ तो उसे अपूरणीय क्षति होगी। ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई की यह टिप्पणी एक सरकारी टेलीविजन के एंकर द्वारा पढ़ी गई जबकि स्क्रीन पर खामेनेई की तस्वीर दिखाई दी। यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि 86 वर्षीय खामेनेई खुद स्क्रीन पर क्यों नहीं दिखाई दिए क्योंकि शुक्रवार को इजराइली हमले शुरू होने के बाद वह एक बार टीवी स्क्रीन पर दिखाई दिए हैं। खामेनेई का बयान पढ़ते हुए एंकर ने कहा, ‘‘इस लड़ाई में अमेरिका की किसी भी सैन्य भागीदारी से निस्संदेह उसे अपूरणीय क्षति होगी।’’
इससे पहले इजरायल के लड़ाकू विमानों ने यूरेनियम ‘सेंट्रीफ्यूज’ और मिसाइलों के कल-पुर्जे बनाने वाले केंद्रों को निशाना बनाते हुए मंगलवार देर रात ईरान की राजधानी तेहरान पर बमबारी की। वहीं, बुधवार को ईरान ने इजरायल पर कई मिसाइलें दागीं और चेतावनी दी कि अमेरिका के किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप से क्षेत्र में पूर्ण युद्ध छिड़ जाएगा।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघई ने ‘अल जजीरा इंग्लिश’ समाचार चैनल पर प्रसारित एक साक्षात्कार के दौरान कहा, ‘‘अमेरिका का किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप इस क्षेत्र में पूर्ण युद्ध का कारण होगा।’’ उन्होंने विस्तृत जानकारी नहीं दी, लेकिन माना जा रहा है कि पड़ोसी देशों में तैनात हजारों अमेरिकी सैनिकों को ईरान के हथियारों द्वारा निशाना बनाया जा सकता है। अमेरिका ने किसी भी हमले का व्यापक जवाब देने की धमकी दी है।
बुधवार को संघर्ष का छठा दिन है और जिनेवा में ईरान के राजदूत अली बहरीनी ने कहा कि उनका देश इजराइल की ‘‘आक्रामकता’’ का कड़ा जवाब देगा और अगर अमेरिकी सेना इजरायल के साथ जारी संघर्ष में शामिल होती है तो वह अमेरिका के खिलाफ भी ऐसा ही करेगा।
इजराइल ने गत शुक्रवार, 13 जून को अचानक तेहरान पर बमबारी शुरू कर दी और उसके परमाणु तथा सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। वाशिंगटन स्थित एक ईरानी मानवाधिकार समूह ने बताया कि ईरान में इजराइली हमलों में कम से कम 239 नागरिकों सहित 585 लोगों की मौत हो गयी और 1,300 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। तेहरान में प्रसिद्ध ‘ग्रैंड बाजार’ सहित दुकानें बंद हैं और लोग हमलों से बचने के लिए शहर से बाहर जा रहे हैं जिससे सड़कों पर भीड़ काफी बढ़ गई है।
ईरान ने जवाबी हमलों में लगभग 400 मिसाइलें और सैकड़ों ड्रोन दागे हैं, जिनसे इजरायल में कम से कम 24 लोगों की मौत हो गयी और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। ईरान की मिसाइलों ने मध्य इजरायल में इमारतों को निशाना बनाया, जिससे भारी नुकसान हुआ और हवाई हमले के सायरन ने बार-बार इजराइलियों को शरण लेने के लिए मजबूर किया।
सभी की निगाहें अमेरिका पर टिकी हैं, जहां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुरू में खुद को इजरायली हमलों से खुद को दूर रखा था लेकिन उन्होंने अमेरिका की अधिक भागीदारी का संकेत देते हुए कहा कि वह युद्ध विराम से कहीं अधिक ‘बड़ा’ चाहते हैं। अमेरिका ने इस क्षेत्र में और अधिक युद्धक विमान भी भेजे हैं। इससे पहले ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक ‘पोस्ट’ में ईरान से ‘‘बिना शर्त आत्मसमर्पण’’ करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को मारने की उनकी ‘‘फिलहाल कोई योजना’’ नहीं है।