द्वारका एक्सप्रेसवे पर अब एक अत्याधुनिक और स्मार्ट ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली लागू की गई है। यह प्रणाली दिल्ली और गुरुग्राम को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक को सुरक्षित और सुचारू बनाने के लिए AI आधारित एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) का उपयोग करती है।
यह देश का पहला प्रोजेक्ट है, जिसमें 110 उच्च-रेजोल्यूशन कैमरे 24 घंटे ट्रैफिक की निगरानी करते हैं, हादसों की त्वरित पहचान करते हैं, और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर तुरंत कार्रवाई करते हैं। आइए, इस स्मार्ट सिस्टम की विशेषताओं पर नजर डालते हैं।
द्वारका एक्सप्रेसवे और दिल्ली-गुरुग्राम के NH-48 के 54.46 किलोमीटर क्षेत्र में यह AI प्रणाली लागू की गई है। इसमें द्वारका एक्सप्रेसवे के 28.46 किलोमीटर और शिव मूर्ति से खेड़की दौला टोल तक का हिस्सा शामिल है। यह प्रणाली नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की नई ATMS नीति का पहला पूर्ण प्रोजेक्ट है।
हर किलोमीटर पर स्थापित PTZ कैमरे ट्रैफिक, वाहनों की गति, और नियमों के उल्लंघन पर नजर रखते हैं। यह प्रणाली हादसों की पहचान और आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देने में सक्षम है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन में सुधार होगा।
इस प्रणाली में वीडियो इंसिडेंट डिटेक्शन एंड एनफोर्समेंट सिस्टम (VIDES) शामिल है, जो 15 उच्च-जोखिम स्थलों पर ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को पकड़ता है। ओवरस्पीडिंग, गलत लेन में ड्राइविंग, बिना हेलमेट या सीट बेल्ट न लगाने जैसे 14 उल्लंघनों की पहचान यह प्रणाली करती है।
यह e-Challan पोर्टल से जुड़ा है, जिससे नियम तोड़ने वालों को तुरंत चालान भेजा जाता है। सड़क किनारे लगे व्हीकल एक्ट्यूटेड स्पीड डिस्प्ले (VASD) ड्राइवरों को उनकी गति दिखाते हैं और ओवरस्पीडिंग पर अलर्ट करते हैं। यह तकनीक सड़क सुरक्षा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
बिजवासन टोल प्लाजा पर स्थित कंट्रोल रूम इस प्रणाली का केंद्र है। यहां से 110 कैमरों की फीड पर 24 घंटे नजर रखी जाती है। आपात स्थिति में एंबुलेंस, पेट्रोलिंग वाहन, या क्रेन को एक ऐप के जरिए तुरंत भेजा जा सकता है। यह सुविधा हादसों के बाद त्वरित सहायता सुनिश्चित करती है।
यह प्रणाली न केवल ट्रैफिक को व्यवस्थित करती है, बल्कि यात्रियों को सुरक्षित और तनावमुक्त यात्रा का अनुभव भी प्रदान करती है। द्वारका एक्सप्रेसवे अब देश के सबसे स्मार्ट हाईवे में से एक बन गया है।