साइबर फ्रॉड पर कैसे लगेगी लगाम? गृह मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति की बैठक में हुआ मंथन
TV9 Bharatvarsh July 04, 2025 08:42 AM

गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति की बैठक बुधवार और गुरुवार दो दिन चली. इस समिति की अध्यक्षता बीजेपी सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल ने की. बैठक का एजेंडा साइबर अपराध परिणाम, सुरक्षा और रोकथाम था. बैठक में साइबर अपराध की रोकथाम के मुद्दे पर चर्चा की गई.

दो दिन चली इस बैठक में विदेश मंत्रालय, कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय ,वित्तीय खुफिया इकाई-भारत (FIU-IND), केंद्रीय जांच ब्यूरो , राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और सरकारी एवं प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के प्रतिनिधियों ने साइबर अपराध – परिणाम, संरक्षण और रोकथाम’ विषय पर उठाए जा रहे कदमों पर कमिटी के सामने अपनी बात रखी.

साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते खतरे पर चर्चा

समिति ने साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते खतरे पर विस्तार से चर्चा की गई. बैठक में सांसदों ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर हो रही घटनाओं पर चिंता जताई. बैठक में डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं में आए उछाल पर खास तौर पर चर्चा की गई. आकलन के मुताबिक 2022 और 2024 के बीच में डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं में 21 गुना बढ़ोतरी देखी गई जिसमें करीब 2,000 करोड़ रुपएसे अधिक का नुकसान का आकलन है. बैठक में फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) ने म्यूल अकाउंट्स के दुरुपयोग की जानकारी दी कि कैसे धोखाधड़ी करने वाले अवैध धन को विदेशों में एटीएम, क्रिप्टो लेनदेन और शेल कंपनियों के माध्यम से भेज रहे हैं. जिसमें विदेशी IP का इस्तेमाल होता है जो कि संदेह का प्रमुख संकेत होता है.

कमजोर लोगों को बनाया जा रहा निशाना

समिति को जानकारी दी गई कि धोखाधड़ी और ठगी के नए नए और जटिल तरीके सामने हैं आ रहे हैं, जिसमें लोन ऐप ब्लैकमेल, फर्जी निवेश योजनाएं, नकली नौकरी देने वाले जाल, धांधली वाले सट्टेबाजी ऐप्स, फिशिंग आधारित बिजली बिल फ्रॉड आदि शामिल हैं. इन ठगी के तरीके के जरिए मनोवैज्ञानिक दबाव डालकर कमजोर लोगों को निशाना बनाया जा रहा है.

जन-जागरूकता की कमी पर सवाल

समिति के सदस्यों ने बैठक में ऐसे ठगी के तरीकों को लेकर जन-जागरूकता की कमी पर सवाल उठाया. सदस्यों ने सरकार से पूछा कि डिजिटल अरेस्ट और दूसरे वित्तिय ठगी के नए तरीकों को लेकर टीवी, ओटीटी, सिनेमा या मोबाइल अलर्ट्स के माध्यम से बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान क्यों नहीं चलाए जा रहे हैं. साथ ही कड़े कानूनी और संस्थागत कदमों की मांग भी की गई. FIU ने कमिटी को बताया कि RBI को एडवाइजरी जारी की गई है. साथ ही I4C (इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर) के साथ समन्वय किया है. सख्त KYC नियमों को लागू करने की सिफारिश भी की है.

समिति ने दिए सुझाव

बैठक में समिति ने सुझाव दिया कि एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया जाए. साथ ही म्यूल अकाउंट्स और फर्जी सिम को कानूनी रूप से प्रतिबंधित किया जाए ताकि फ्रॉड के नेटवर्क के जड़ को खत्म किया जा सके. दरअसल देश में लगातार साइबर अपराध बढ़ता जा रहा है. आए दिन लोगों के साथ धोखाधड़ी की खबरें आ रही हैं. कई लोग इनका शिकार बन चुके हैं. ऐसे में इस पर लगाम लगाने के लिए सरकार हर मुमकिन कोशिश करने में जुटी है. इसी को लेकर संसद की स्थायी समिति की बैठक में मंथन हुआ.

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