हरियाणा सरकार ने फर्जी राशन कार्ड के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं, 2.43 लाख डुप्लीकेट कार्ड जब्त किए गए: हरियाणा में राशन वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। हाल ही में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत एक विशेष सर्वेक्षण में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
प्रदेश में 2.43 लाख से अधिक लोग एक ही समय में दो स्थानों से राशन प्राप्त कर रहे थे। इनमें से 1.20 लाख फर्जी राशन कार्ड रद्द कर दिए गए हैं। यह कदम न केवल हरियाणा की खाद्य आपूर्ति प्रणाली को मजबूत करेगा, बल्कि जरूरतमंदों तक सही लाभ पहुंचाने में भी सहायक होगा।
फर्जी राशन कार्ड का पता कैसे चला?
हरियाणा सरकार ने आधार प्रमाणीकरण और केंद्र सरकार की IMPDS रिपोर्ट के माध्यम से फर्जी राशन कार्ड की पहचान की। इस प्रक्रिया में यह पता चला कि 2,43,532 लोग न केवल हरियाणा, बल्कि अन्य राज्यों से भी राशन सामग्री प्राप्त कर रहे थे।
फरीदाबाद (48,000) और गुरुग्राम (32,000) में सबसे अधिक मामले सामने आए। यह फर्जीवाड़ा उन लोगों के लिए हानिकारक था, जो वास्तव में राशन के हकदार हैं। सरकार ने तुरंत फिजिकल सर्वेक्षण शुरू किया और दोषियों के कार्ड रद्द करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया।
इस सर्वेक्षण में यह भी सामने आया कि कई लाभार्थी एक ही परिवार के नाम पर दो या अधिक राशन कार्ड बनवाकर सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग कर रहे थे। यह खाद्य सुरक्षा योजना की भावना के खिलाफ है और गरीबों के हक को भी छीन रहा है।
फर्जीवाड़े के मामले कहां सबसे अधिक हैं?
फर्जी राशन कार्ड के मामलों में फरीदाबाद, गुरुग्राम, पंचकूला और पानीपत सबसे आगे हैं। फरीदाबाद में 48,000 और गुरुग्राम में 32,000 डुप्लीकेट कार्ड पकड़े गए। इन शहरों में शहरीकरण और प्रवासी आबादी के कारण फर्जीवाड़ा अधिक देखने को मिला।
कई लोग एक ही आधार नंबर का उपयोग कर विभिन्न जिलों में राशन कार्ड बनवा रहे थे। सरकार ने अब ऐसे सभी मामलों की गहन जांच शुरू कर दी है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि फिजिकल सत्यापन के बाद सभी फर्जी कार्ड रद्द किए जाएंगे।
भविष्य में पारदर्शिता के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?
हरियाणा सरकार ने इस फर्जीवाड़े को समाप्त करने के लिए कई कदम उठाए हैं। आधार लिंकिंग को और सख्त किया जा रहा है ताकि एक व्यक्ति के नाम पर केवल एक ही राशन कार्ड हो। साथ ही, डिजिटल निगरानी और नियमित सर्वेक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है।
सरकार का लक्ष्य है कि राशन वितरण प्रणाली पूरी तरह से पारदर्शी हो और केवल योग्य लोग ही इसका लाभ उठा सकें।
यह कार्रवाई न केवल फर्जी राशन कार्ड धारकों पर नकेल कसेगी, बल्कि गरीब और जरूरतमंद परिवारों को उनका हक दिलाने में भी मदद करेगी। हरियाणा सरकार की यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकती है।