प्रतापगढ़ साबाखेड़ा गांव में पिछले 5 से 6 दशकों से रह रहे खानाबदोश कालबेलिया समुदाय के लोगों ने आज जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर आबादी भूमि पर पट्टे जारी करने की प्रक्रिया रोकने और अतिक्रमण हटाने की मांग की है। समुदाय के जिला अध्यक्ष पप्पू नाथ कालबेलिया ने बताया कि वे और उनका समुदाय वर्षों से गांव की पुरानी चरागाह भूमि पर रह रहे हैं, जहां उन्होंने कच्चे और पक्के मकान बना रखे हैं।
सरकारी आवास योजना के तहत स्वीकृत हैं मकान
सरकारी आवास योजना के तहत भी कुछ मकान स्वीकृत हैं और यहां रहने वाले लोगों के पास आधार कार्ड, राशन कार्ड, बिजली कनेक्शन जैसी सभी बुनियादी पहचान है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत ने आबादी विस्तार के लिए 1.86 हेक्टेयर भूमि चिन्हित कर तहसील कार्यालय को प्रस्ताव भेजा था, जिसकी जांच भी हो चुकी है, लेकिन प्रस्ताव अभी तक राज्य सरकार को नहीं भेजा गया है।
आत्महत्या करने को मजबूर होंगे
ज्ञापन में यह भी स्पष्ट किया गया कि गांव में कुल 51.05 हेक्टेयर गोचर भूमि है, जबकि गांव में मात्र 492 पशु हैं। ऐसे में आबादी विस्तार के लिए कुछ भूमि देने से गोचर पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। साथ ही समाज ने राज्य सरकार के 2024 व 2025 के आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि गोचर भूमि पर घुमंतू, विमुक्त व अर्द्धघुमंतू समुदायों को पट्टा देने का स्पष्ट प्रावधान है। जिला अध्यक्ष ने चेतावनी दी कि यदि उनकी आवाज नहीं सुनी गई और प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की तो समाज के लोग सामूहिक आत्महत्या करने को मजबूर होंगे।