मिनी इटली गाँव: उत्तर भारत में जब मुख्य राज्यों की बात होती है, तो हरियाणा का नाम प्रमुख रूप से लिया जाता है. यह राज्य अपनी विविध संस्कृति, अद्वितीय परंपराओं और तेजी से हो रहे विकास के लिए जाना जाता है. प्रदेश के कई गांवों ने अपनी अलग पहचान बनाई है, लेकिन एक गांव ऐसा भी है जिसे लोग ‘मिनी इटली’ के नाम से जानते हैं. आइए जानते हैं कि यह गांव कहां है, और इसे यह अनोखा नाम क्यों मिला.
सबसे पहले जानते हैं हरियाणा के जिलों के बारे में. वर्तमान में हरियाणा राज्य में कुल 22 जिले हैं, जिन्हें 6 मंडलों में बांटा गया है. इन मंडलों में 73 उपमंडल, 93 तहसील, 10 नगर निगम, 46 नगर पालिकाएं, और 21 नगर परिषदें शामिल हैं. यह प्रशासनिक संरचना राज्य के स्थानीय विकास और सुशासन को सुचारू रूप से संचालित करने में सहायक है.
अब बात करते हैं उस विशेष गांव की, जिसे ‘मिनी इटली’ कहा जाता है. यह गांव हरियाणा के कैथल जिले में स्थित है. कैथल जिला, हरियाणा के केंद्र में स्थित एक ऐतिहासिक जिला है, जो अब अपनी इस अनोखी पहचान से भी पहचाना जाने लगा है.
हरियाणा के कैथल जिले का ‘धरेडू गांव’ वह खास जगह है, जिसे ‘मिनी इटली’ कहा जाता है. इस गांव की चर्चा कैथल ही नहीं, बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों में भी होती रहती है. यहां की संस्कृति, रहन-सहन और प्रवासियों की भूमिका ने इस गांव को एक अलग मुकाम पर पहुंचा दिया है.
साल 2000 के आसपास, इस गांव के कई युवा बेहतर रोजगार की तलाश में इटली की ओर गए. उनकी सफलता को देखकर अन्य युवाओं ने भी यही रास्ता चुना. आज स्थिति यह है कि अधिकतर घरों में कम से कम एक सदस्य इटली में निवास करता है. यही कारण है कि इस गांव को प्यार से ‘मिनी इटली’ कहा जाता है.
केवल विदेश प्रवास ही नहीं, धरेडू गांव की एक और खासियत इसकी साफ-सफाई और व्यवस्था है. गांव में साफ-सुथरी गलियां, ठोस कचरा प्रबंधन, और समुचित सार्वजनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं. यह सब संभव हुआ है वहां के प्रवासियों के योगदान और स्थानीय लोगों की जागरूकता के चलते.
गांव के अधिकांश निवासी समय-समय पर इटली से लौटते रहते हैं, और वहां की संस्कृति, खानपान और रहन-सहन की झलक गांव में दिखती है. यहां के कई घरों की बनावट, भोजन शैली और परिवारिक जीवन शैली में अब इटली की छाप साफ नजर आती है. इटली से आने वाले लोग गांव के विकास में आर्थिक रूप से भी सहयोग करते हैं, जिससे तेजी से इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित हुआ है.
इटली से जुड़े इस गांव ने अपनी तरक्की की कहानी से आसपास के गांवों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है. धरेडू गांव अब एक मॉडल विलेज की पहचान पा चुका है, जहां लोग यह देखने आते हैं कि प्रवासियों का सहयोग, सुनियोजित प्रबंधन और सांस्कृतिक संतुलन कैसे एक गांव की तस्वीर बदल सकता है.
यहां के युवाओं को विदेश में बेहतर रोजगार, सुविधाएं और आर्थिक स्थिरता मिली है. लेकिन वे अपने गांव को नहीं भूले. इटली में बसे लोग समय-समय पर गांव में निवेश, सड़क निर्माण, स्कूल और सामुदायिक केंद्रों के निर्माण में सहयोग करते हैं. इससे गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन स्तर में भी तेजी से सुधार हुआ है.
धरेडू गांव की कहानी यह बताती है कि अगर गांव के लोग संगठित हों और अपनी जड़ों से जुड़े रहें, तो प्रवास भी ग्रामीण विकास का साधन बन सकता है. सरकार अगर ऐसे गांवों को विशेष योजनाओं में शामिल करे, तो इन्हें स्मार्ट विलेज मॉडल के तौर पर विकसित किया जा सकता है.