गुजरात में एशिया के दो दिग्गज कारोबारियों की सीधी टक्कर होने वाली है. एशिया के दो सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी और अडानी के एक सेक्टर में सीधी जंग देखने को मिलेगी. खास बात तो ये है कि गौतम अडानी जिस सेक्टर में मुकेश अंबानी से पंगा लेना चाहते हैं, उसमें अंबानी का पुराना होल्ड है. इसका मतलब है कि गौतम अडानी मुकेश अंबानी के गढ़ में पहुंचकर उन्हें ललकार रहे हैं. खबर है कि गौतम अडानी का ग्रुप गुजरात के मुंद्रा में 10 लाख टन सालाना क्षमता का पीवीसी प्लांट लगाने जा रहा है. इसके साथ समूह पेट्रोकैमिकल सेक्टर में उतर जाएगा. इस क्षेत्र में अभी तक रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे बड़ी कंपनी है. इसके साथ अडानी ग्रुप पीवीसी सेक्टर में भी रिलायंस के साथ मुकाबला करेगा.
पीवीसी या पॉलिविनाइल क्लोराइड एक सिंथेटिक प्लास्टिक पॉलिमर है जिसका पाइप और फिटिंग से लेकर खिड़की और दरवाजे के फ्रेम, केबल इंसुलेशन, विनाइल फ्लोरिंग और वॉल कवरिंग, क्रेडिट कार्ड और खिलौने जैसे कई उत्पादों को बनाने के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है. भारत की सालाना पीवीसी की मांग लगभग 40 लाख टन है, जबकि घरेलू उत्पादन क्षमता लगभग 15.9 लाख टन है. घरेलू क्षमता में आधी रिलायंस के पास है. पीवीसी की मांग सालाना आठ-10 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है.
अडानी लगाएंगे पीवीसी प्लांटइस मामले से अवगत दो सूत्रों ने बताया कि अडानी ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज मुंद्रा मे एक पेट्रोरसायन संकुल बना रही है. कंपनी वहां 10 लाख टन सालाना क्षमता का पीवीसी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगा रही है. यह प्लांट वित्त वर्ष 2027-28 तक चालू होगा. पीवीसी प्रोजेक्ट में पीवीसी, क्लोर-अल्कली, कैल्शियम कार्बाइड और एसिटिलीन इकाइयों के निर्माण की क्षमताएं शामिल होने की उम्मीद है. सूत्रों ने बताया कि अडानी ग्रुप एसिटिलीन और कार्बाइड आधारित पीवीसी उत्पादन प्रक्रिया को लागू करना चाहता है. इसके लिए पर्यावरणीय मंजूरी और परियोजना स्थापित करने की सहमति पहले ही मिल चुकी है. भारत में पीवीसी की मौजूदा हाई डिमांड और कम सप्लाई को देखते हुए अडानी ग्रुप की परियोजना से आपूर्ति के अंतर को कम करने और इंपोर्ट निर्भरता घटाने में मदद मिलेगी.
मुकेश अंबानी से होगा सीधा मुकाबलायह परियोजना अडानी ग्रुप को रिलायंस के मुकाबले में खड़ा करेगी, जो वर्तमान में भारत की सबसे बड़ा पीवीसी उत्पादक है. रिलायंस की अनुमानित पीवीसी क्षमता लगभग 7,50,000 टन सालाना की है. रिलायंस के गुजरात में हजीरा, दहेज और वडोदरा में पीवीसी प्लांट हैं. रिलायंस 2027 तक अपनी क्षमता को दोगुना करने की योजना बना रही है. अडानी ग्रुप और मुकेश अंबानी की रिलायंस लंबे समय तक एक-दूसरे से अलग सेक्टर्स में काम करते रहे हैं. लेकिन पहले क्लीन एनर्जी और अब पेट्रोकैमिकल ऐसे क्षेत्र होंगे, जहां वे एक-दूसरे के खिलाफ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं. सूत्रों ने कहा कि मांग में वृद्धि के आधार पर भविष्य में अडानी ग्रुप के मुंद्रा प्लांट की क्षमता 20 लाख टन सालाना तक बढ़ाई जा सकती है.
प्लांट को कैसे मिलेगी फंडिंगवित्तीय अनिश्चितताओं और अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के कारण मार्च, 2023 में शुरू में रोक दी गई इस परियोजना पर काम पिछले साल फिर से शुरू किया गया है. अडानी ग्रुप ने तब से अपने संसाधनों पर फिर से ध्यान केंद्रित किया है, इक्विटी और अतिरिक्त लोन में पांच अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक जुटाए हैं. इस परियोजना का वित्तपोषण भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ द्वारा किया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि अडानी ग्रुप को परियोजना के लिए फीडस्टॉक हासिल करने का भरोसा है, क्योंकि समूह की पोर्टफोलियो कंपनियों के पास घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में व्यापार की विशेषज्ञता है.