नीली बोतलें बनीं चर्चा का विषय: असरदार उपाय या सिर्फ वहम
Rahul Mishra (CEO) July 07, 2025 03:30 PM

नीली बोतल: इन दिनों कई राज्यों के कस्बों और गांवों में घरों, दुकानों और गलियों के बाहर नीली पानी भरी बोतलें टांगी नजर आ रही हैं। लोग मानते हैं कि इन नीली बोतलों को लगाने से आवारा कुत्ते उस जगह पेशाब नहीं करते और गंदगी भी कम होती है। इस देसी उपाय के पीछे मान्यता यह है कि नीले रंग की बोतलें या नीले पानी को देखकर कुत्ते डरते हैं या भ्रमित हो जाते हैं।

नीली बोतल

अक्सर इन बोतलों में नीला डाई या कपड़े धोने वाला नील घोलकर रखा जाता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि कुत्तों को रंग पहचानने की क्षमता सीमित होती है। वे इंसानों की तरह रंगों में फर्क नहीं कर पाते, इसलिए यह दावा वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं है कि नीली बोतलें कुत्तों को रोकने में प्रभावी होती हैं।

फिर भी कई लोग दावा करते हैं कि उन्होंने बोतल लगाने के बाद अपने घर या दुकान के आसपास कुत्तों की गंदगी में कमी देखी है। कुछ विशेषज्ञ इसे एक मनोवैज्ञानिक प्रभाव मानते हैं – यानी जब लोगों को लगता है कि इससे असर हो रहा है, वे और सावधानी बरतने लगते हैं। हालांकि, पशु विशेषज्ञ और नगर निगम अधिकारी इस टोटके को अंधविश्वास मानते हैं और असली समाधान सफाई व्यवस्था सुधारने, कुत्तों की नसबंदी और जिम्मेदार पालकों को प्रोत्साहित करने में मानते हैं।नीली बोतलें यदि किसी जगह असर दिखा भी रही हैं, तो वह वैज्ञानिक प्रमाणित समाधान नहीं बल्कि संयोग हो सकता है।

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