इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के होली गेट पर अतिक्रमण हटाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. याचिकाकर्ता का दावा है कि अतिक्रमण से जाम लगता है और फुटपाथ पर कब्ज़ा है. मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी. कोर्ट ने पहले मार्च में भी सरकार को जवाब दाखिल करने का समय दिया था, इस पर सरकार ने अतिरिक्त समय की मांग की थी.
मथुरा होली गेट के आसपास से अतिक्रमण हटवाने की मांग में दाखिल याचिका पर राज्य सरकार को 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. यह आदेश जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र और जस्टिस जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने मथुरा के समाजसेवी चूना कंकड़ गली निवासी प्रकाश चंद्र अग्रवाल की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है.
याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दिया ये तर्कयाचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि मथुरा होली गेट के आसपास चारों ओर हुए अतिक्रमण के कारण आये दिन जाम लगा रहता है. फुटपाथ पर कब्जा कर लिया गया है और प्रशासन ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है. याचिका में प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग लखनऊ , जिलाधिकारी मथुरा , वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा , महापौर नगर निगम मथुरा वृन्दावन एवं नगर आयुक्त नगर निगम मथुरा वृन्दावन को पक्षकार बनाया गया है.
सरकार की तरफ से जारी शासनादेश में स्पष्ट निर्देश है कि अतिक्रमण हटाने के बात पुलिस थाने में दर्ज किया जाएगा. ताकि पुलिस निगरानी करें कि दोबारा अतिक्रमण न होने पाए. इसके लिए पुलिस को जिम्मेदारी सौंपी गई है. इससे पहले कोर्ट ने 28 मार्च को 3 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का समय दिया था ,सरकार की ओर से फिर जवाब के लिए समय मांगा गया था. अब देखना होगा कि कोर्ट के दूसरे आदेश के बाद सरकार अपना जवाब पेश करती है या फिर नहीं. पूरे मामले की सुनवाई 15 अगस्त को होगी.