उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की नगर कोतवाली पुलिस ने होटल रिडेक्शन के अंदर चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडा फोड़ किया है. सूचना के बाद पुलिस ने होटल में रेड की और वहां मौजूद 11 लोगों को हिरासत में लेकर उनसे जब पूछताछ की तो पता लगा कि आरोपी अमेरिका के नागरिकों के साथ ठगी करने का काम कर रहे थे. पुलिस के हत्थे चढ़े इन ठगो में चार युवतियां भी शामिल हैं. ये सभी लोग दिल्ली, दार्जलिंग और नागालैंड के रहने वाले बताए जा रहे है.
आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वो लोग काफी समय से सहारनपुर के होटल रेडिक्शन में कॉल सेंटर चला रहे थे और इस कॉल सेंटर से वह अमेरिका के नागरिकों को कंप्यूटर सिस्टम पर एक वायरस क्रश पॉपअप मैसेज भेज कर Eye Beem कॉलिंग और Microsip इनकमिंग एप्लीकेशन के जरिए उन्हें कॉल करके सपोर्ट देने की बात करते थे और इन्हीं APPs के जरिए वह उनके पूरे सिस्टम का एक्सेस अपने हाथ में ले लेते थे और उनके बैंक अकाउंट की जानकारी भी उनके पास पहुंच जाती थी. उसी के जरिए यह लोग हजारों डॉलर के ट्रांजैक्शन करके विदेशी नागरिकों के साथ धोखाधड़ी कर रहे थे.
आरोपी ने बताया कि विदेशी कस्टमर आईबीएम कॉलिंग और माइक्रोसिप इनकमिंग एप्लीकेशन के जरिए कॉल करके हमें बताते थे कि उनके कंप्यूटर सिस्टम में कोई पॉप अप मैसेज आया है और यह लोग इस पॉप अप मैसेज उनके सिस्टम में वायरस होना बताते थे. उस वायरस को ठीक करने के लिए कहते थे. आरोपी विदेशी कस्टमरों के कंप्यूटर सिस्टम में एक्स्ट्रा सिक्योरिटी देने की बात कहते थे और उनके सिस्टम में Ultra Viewsrs नाम की एप्लीकेशन भी इंस्टॉल कर देते थे. फिर जब कंप्यूटर ओनर अपने कंप्यूटर को Login करता था तो उसका सारा एक्सेस इनके पास चला जाता था.
झूठी बैकिंग ट्रांजैक्शन से फंसाते थेयह पूरे सिस्टम को स्कैन कर लेते थे और कई बार तो उन्होंने फर्जी कंटेंट भी पोस्ट किया और ग्राहक को बताया कि आपके द्वारा कुछ इलीगल वेबसाइट पर बैंकिंग ट्रांजैक्शन किए गए हैं जो कि गैरकानूनी है और हम Ultra Viewsrs एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर की मदद से उनके बैंक अकाउंट का बैलेंस देखकर उनके द्वारा दी गई प्रतिबंधित वेबसाइट पर झूठी बैंकिंग ट्रांजैक्शन के बारे में बताते थे और उन्हें अपने झांसे में लेकर एक टोल फ्री नंबर पर कॉल करने के लिए कहते थे.
गिफ्ट कार्ड के जरिए होती थी वसूलीजैसे ही विदेशी कस्टमर उनके द्वारा दिए गए टोल फ्री नंबर पर कॉल करते तो फिर यह लोग अपने फर्जी कॉल सेंटर में काम करने वाली दूसरी टीम को कॉल फॉरवर्ड कर देते. जो उनसे बैंक अधिकारी बनकर बात करते थे फिर यह लोग प्रतिबंधित वेबसाइट पर फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन को कैंसिल करने के नाम पर उनको डराते-धमकाते थे और फिर उनसे गूगल पर टारगेट और एप्पल के नाम से गिफ्ट कार्ड खरीदवा देते थे. फिर कस्टमर से गिफ्ट कार्ड की डिटेल पूछ कर अपने मैनेजर अनिरुद्ध और उसके साथी रविंद्र सिंह को भेजते थे. जो इनका गिफ्ट कार्ड को रिडीम कर पैसा वसूल किया करता थे. इसके जरिए लोग काफी डॉलर्स का चूना विदेशी ग्राहकों को लगा चुके हैं.