गायक: हिंदू और मुसलमानों के बीच विवाद हर क्षेत्र में देखने को मिलता है। भारत में कई हिंदू गायक हैं जिन्होंने अपने गानों से लोगों के दिलों को छुआ है, वहीं कई मुस्लिम कलाकार भी हैं जिन्होंने अपनी कला से लोगों का दिल जीता है।
आइए जानते हैं कि कौन से हिंदू गायक ने मुस्लिम कलाकारों के साथ गाने से इनकार किया, वह भी ऐसे समय में जब चारों ओर लोग मौजूद थे, लाइटें जल रही थीं और मंच पर माइक चालू था।
यह कोई और नहीं, बल्कि हिंदी सिनेमा की स्वर कोकिला लता मंगेशकर हैं, जो अब हमारे बीच नहीं रहीं। उन्होंने 92 वर्ष की आयु में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। लता मंगेशकर ने अपने करियर में सैकड़ों सदाबहार गाने गाए हैं।
उन्होंने कई प्रसिद्ध गायकों और संगीतकारों के साथ काम किया, लेकिन उनके जीवन में एक ऐसा समय भी आया जब यह अफवाह फैली कि वह मुसलमानों के साथ गाना नहीं चाहतीं। हालांकि, यह बाद में पूरी तरह से गलत साबित हुआ।
1960 के दशक में लता मंगेशकर और उस समय के प्रसिद्ध गायक तलत महमूद को एक युगल गीत रिकॉर्ड करने का प्रस्ताव मिला, लेकिन किसी कारणवश यह रिकॉर्डिंग नहीं हो सकी। इसके बाद यह खबर फैल गई कि लता मंगेशकर किसी मुस्लिम के साथ गाना नहीं चाहतीं। तलत महमूद ने भी इस अफवाह पर विश्वास कर लिया था, लेकिन बाद में उन्हें सच्चाई का पता चला।
रिपोर्ट्स के अनुसार, जब लता मंगेशकर को इस अफवाह और तलत महमूद की गलतफहमी का पता चला, तो उन्होंने तलत से पूछा, 'आपने इतनी सस्ती कहानी पर कैसे विश्वास कर लिया? क्या आपको नहीं पता कि गायक रफ़ी साहब और नौशाद साहब भी मुसलमान हैं? मैं हमेशा उनके साथ काम करती हूँ।'
उन्होंने यह भी कहा, 'मैं यूसुफ़ भाई (दिलीप कुमार) को राखी बांधती हूँ। क्या आप भूल गए कि मैंने अमन अली और अमानत खान साहब से भी सीखा है? वे दोनों भी मुसलमान थे।' इस बातचीत के बाद तलत महमूद की गलतफहमी दूर हो गई।