Bhado Shivratri Vrat Katha: मासिक शिवरात्रि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को पड़ती है. भादो मास की शिवरात्रि आज यानी 21 अगस्त को मनाई जा रही है. भाद्रपद मास की मासिक शिवरात्रि भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने का एक विशेष अवसर है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मनचाहे फल की प्राप्ति होती है. ऐसा माना जाता है कि जो भी इस दिन व्रत रखकर शिवरात्रि की व्रत कथा का पाठ करता है, उसपर महादेव की असीम कृपा बनी रहती है. ऐसे में चलिए पढ़ते हैं मासिक शिवरात्रि की व्रत कथा.
मासिक शिवरात्रि की व्रत कथामासिक शिवरात्रि की पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में चित्रभानु नाम का एक शिकारी रहता था जो जानवरों का शिकार करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता था. एक बार उसने एक साहूकार से कर्ज लिया, लेकिन वह समय पर ऋण नहीं चुका पाया. इससे क्रोधित साहूकार ने उसे शिव मठ में बंदी बना लिया. संयोग से उस दिन शिवरात्रि थी और शिकारी ने उसी शिव मठ में शिवरात्रि व्रत की कथा सुनी. संयोगवश वह मठ से बाहर निकल गया.
फिर वह रात्रि में जब शिकारी जंगल में था, तो उसने एक बेल के पेड़ पर चढ़कर रात बिताई. उस पेड़ के नीचे एक शिवलिंग स्थापित था. शिकारी को रात भर नींद नहीं आई और वह अनजाने में ही बेल पत्र तोड़कर शिवलिंग पर गिराता रहा. इस प्रकार उसने अनजाने में ही शिवरात्रि का व्रत कर लिया.
रात के पहले पहर में एक गर्भवती हिरणी पानी पीने आई. जब शिकारी ने उसका शिकार करने का प्रयास किया तो हिरणी ने उससे प्रार्थना की कि उसे अपने बच्चों को जन्म देने दे, फिर वह वापस आ जाएगी. यह सुनकर शिकारी ने उसे जाने दिया. इसी तरह दूसरे और तीसरे पहर में भी दो और हिरणियां आईं और शिकारी ने उन्हें भी जाने दिया.
सुबह जब शिकारी जंगल से वापस लौटा, तो उसने देखा कि हिरणों का एक पूरा परिवार उसके सामने खड़ा है. यह देखकर शिकारी का दिल पिघल गया और उसने उन सभी को जाने दिया. इस घटना के बाद शिकारी का हृदय बदल गया और उसने शिकार करना छोड़ दिया. ऐसा माना जाता है कि इस घटना के बाद शिकारी को भगवान शिव ने दर्शन दिए और उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई.
धार्मिक मान्यता है कि अगर अनजाने में भी कोई शिवरात्रि का व्रत करता है, तो उसे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.
(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.)