भारतीय संस्कृति के पुनर्जागरण का काल: राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य
Udaipur Kiran Hindi August 21, 2025 11:42 AM

—असम के राज्यपाल ने संस्कृत के विद्वानों को किया सम्मानित

संस्कृत भारती के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष दिनेश कामत को अन्नपूर्णा श्री सम्मान

वाराणसी,20 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बुधवार को भारतीय संस्कृति और संस्कृत भाषा के उत्थान में विशेष योगदान देने वाले देश के 12 विद्वानों को सम्मानित किया गया। यह आयोजन काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के महामना सभागार में श्री काशी विद्वत्परिषद् के मार्गदर्शन तथा उत्तर प्रदेश नागकूप शास्त्रार्थ समिति के तत्वावधान में संपन्न हुआ।

समारोह के मुख्य अतिथि असम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य ने संस्कृत भारती के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष दिनेश कामत को अन्नपूर्णा श्री सम्मान भी प्रदान किया। सभी 12 विद्वानों को सम्मानित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आज भारतीय संस्कृति के पुनर्जागरण का काल है। काशी की अति प्राचीन शास्त्रार्थ परम्परा को उत्तर प्रदेश नागकूप शास्त्रार्थ समिति ने जीवन्त उत्सव बना दिया है। आज सभागार में विद्वानों की उपस्थिति इस बात का बोध कराती है कि काशी शास्त्रार्थ की भूमि है, सत्य को प्रतिष्ठित करने के लिए शास्त्रों की रक्षा के लिए काशी में प्राचीन काल से शास्त्रार्थ होते रहे हैं।

राज्यपाल ने कहा कि श्री काशीविद्वत्परिषद् के मार्गदर्शन में काशी की शास्त्रार्थ परम्परा देश- दुनिया में नजीर बन के उभरी है। आज पुनः काशी के मठ-मन्दिरों, गुरुकुलों तथा संस्कृतविद्यालयों में शास्त्रार्थ गूंजायमान हो रहा है।

समारोह में अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि आज जिन विद्वानों का सम्मान हुआ है वे सभी विद्वान भारतीय सनातन विद्याओं के मार्गदर्शक आचार्य हैं। जगद्गुरु संतोषाचार्य सतुआ बाबा ने कहा काशी का वैभव काशी की शास्त्रार्थ परम्परा है। श्री काशी विद्वत्परिषद् काशी के पारम्परिक शास्त्रों की संरक्षिका है। जिनके मार्गदर्शन में सनातन संस्कृति सुरक्षित है।

अन्नपूर्णा मठ —मंदिर के महंत शंकरपुरी महाराज ने कहा कि काशी की शास्त्रार्थ परम्परा को जीवन्त रखने के लिए काशी के सभी सन्त एकजुट हों। समारोह में प्रदेश के पूर्व मंत्री व वाराणसी शहर दक्षिणी के विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी ने कहा कि काशी प्रमाणीकरण की भूमि है। शास्त्रों की रक्षा से सनातन की रक्षा होगी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के क्षेत्रीय अध्यक्ष एवं बीएचयू कार्य परिषद के सदस्य दिलीप पटेल ने कहा आज का ये सम्मान सनातन धर्मावलंबियों के लिए उदाहरण है।

सभा को पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर बालक दास,संस्कृत भारती के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष दिनेश कामत ने भी विचार रखा। सभा की अध्यक्षता श्री काशी विद्वत्परिषद् के अध्यक्ष पद्मभूषण प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी, संचालन तथा संयोजन परिषद् के राष्ट्रीय महामन्त्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने किया। अतिथियों का स्वागत उत्तर प्रदेश नागकूप शास्त्रार्थ समिति के अध्यक्ष प्रो. सदाशिव द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम में दिल्ली भाजपा विधायक करनाल सिंह, प्रो. गोपबन्धु मिश्र आदि की भी उपस्थिति रही।

—सम्मान प्राप्त करने वाले प्रमुख विद्वान

आचार्य दिनेश कामत – अन्नपूर्णा श्री सम्मानम्, उपाध्यक्ष, संस्कृत भारती, कर्नाटक

आचार्य सुकान्तसेनाति – ब्रह्मानन्द सरस्वती सम्मानम्, कुलपति, सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय

आचार्य राजाराम शुक्ल – गजानन शास्त्री मुसलगांवकर सम्मानम्

आचार्य लक्ष्मीनिवास पाण्डेय – रामकमलाचार्य वेदान्ती सम्मानम्, कुलपति, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, बिहार

आचार्य किशोर मिश्र – गंगाधर कृष्णदेव सम्मानम्, संकायाध्यक्ष, बीएचयू

आचार्य शिवशंकर मिश्र – वशिष्ठ त्रिपाठी सम्मानम्, कुलपति, महर्षि पाणिनी वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन

आचार्य रमाकान्त पाण्डेय – सनातन कवि रेवा प्रसाद द्विवेदी सम्मानम्, निदेशक, के.सं.वि.वि. भोपाल

आचार्य धर्मदत्त चतुर्वेदी – जगद्गुरु विष्णु स्वामी यमुनाचार्य सतुआ बाबा सम्मानम्, संकायाध्यक्ष, केन्द्रीय तिब्बती उच्च शिक्षा संस्थान, सारनाथ

आचार्य भारत भूषण त्रिपाठी – रामप्रसाद त्रिपाठी सम्मानम्, वरिष्ठाचार्य, के.सं.वि.वि., लखनऊ

आचार्य रामसलाही द्विवेदी, आचार्य कौशलेन्द्र पाण्डेय, आचार्य एस. महादेवघन पाठी – विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित। सभी सम्मानित आचार्यों को सम्मान-पत्र, अंगवस्त्र, रुद्राक्ष माला, तथा ₹51,000 की सम्मान राशि प्रदान की गई।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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