पिछले कुछ दिनों से यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे यमुना का पानी किसानों के खेतों तक पहुँच गया है। इससे किसानों की लगभग 15 एकड़ ज़मीन सड़ गई है। उन्हें लाखों का नुकसान हुआ है। इसके चलते दिल्ली-एनसीआर के बाज़ारों में सब्ज़ियों के दाम आसमान छू रहे हैं। नोएडा फेज़-2 हो या दिल्ली की आज़ादपुर मंडी... हर जगह हरी सब्ज़ियों के दाम बढ़ गए हैं। TV9 भारतवर्ष ने किसानों से बात की और जाना कि यमुना के बढ़ते जलस्तर का उनकी खेती पर क्या असर पड़ा है?
ग्रेटर नोएडा के गुलावली गाँव के किसान यमुना के बढ़ते जलस्तर से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं। किसान दीपक ने बताया कि उन्हें लाखों का नुकसान हुआ है। उनकी तीन एकड़ धान की फ़सल बर्बाद हो गई है। कुछ हिस्सों में अभी भी पानी भरा है। उन्होंने बताया कि अब तक उनका एक लाख रुपये खर्च हो चुका है। खाद, यूरिया, मज़दूरी का खर्च एक लाख रुपये आता है, लेकिन अब सब कुछ यमुना के पानी में बह गया है, जिसकी भरपाई मुश्किल है।
किसान दीपक ने बताया कि झुग्गियों में रहने वाले लोगों का सब कुछ बर्बाद हो गया है। इसके बाद हमने उन किसानों से बात की जिनकी कई एकड़ फसलें बर्बाद हो गई हैं। ये 20-25 लोग झुग्गियों में रहते हैं। पानी उनकी झुग्गियों तक पहुँच गया था। फिर वे पुश्ता में रहने चले गए। अब वे अपनी झुग्गियों में वापस आ गए हैं।
50 सालों से वहाँ रह रहे लोगों का सब कुछ बह गया है।
सुनील कुमार एक किसान हैं। उनके खेत में पानी भर गया है। फसलें सड़ गई हैं। उन्होंने बताया कि दो दिन पहले यमुना का पानी आया था। तब हम पुश्ता में रह रहे थे। पानी कम होने के बाद हम वापस आ गए। इस दौरान 10-15 लाख का नुकसान हुआ है। सारे परवल बर्बाद हो गए। थोड़ा गुड़ बचा है, जिससे खर्चा चल रहा है। झोपड़ी भी पानी में डूब गई।
उन्होंने बताया कि उनके द्वारा उगाई गई सब्ज़ियाँ नोएडा फेज़-2 मंडी, आज़ादपुर मंडी और साहिबाबाद जाती हैं। परवल 70-75 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रहा है। सुनील की माँ मुखिया देवी ने बताया कि वह पाँच साल से यहाँ रह रहे हैं। अब उनकी उम्र हो गई है, उनकी सारी संपत्ति चली गई है। हर साल बाढ़ आने पर यही होता है, लेकिन कोई सुविधा नहीं मिलती।
बाजारों पर असर, हरी सब्ज़ियाँ महंगी
नोएडा फेज़-2 मंडी की अदिति सिद्धार्थ चौहान ने बताया कि हरी सब्ज़ियों पर असर पड़ा है। आलू और प्याज सामान्य दामों पर बिक रहे हैं। बाढ़ का हरी सब्ज़ियों पर बड़ा असर पड़ा है। दूध और परवल महंगे हो गए हैं। किसानों की फ़सलें खराब हैं, जिससे आपूर्ति भी कम है। बारिश के कारण हरी सब्ज़ियों की आवक कम हो गई है। इसलिए दाम बढ़ गए हैं।