झारखंड के गुमला जिले के सिलम स्थित बाल सुधार गृह से गुरुवार रात दो किशोर फरार हो गए। दोनों किशोरों ने अंधेरे का फायदा उठाकर दीवार फांदने की योजना बनाई और सुरक्षित स्थान तक भागने में सफल रहे।
घटना के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। मौके पर मौजूद अधिकारीयों ने तत्काल सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और फरार किशोरों की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने आसपास के इलाकों में छापेमारी और निगरानी बढ़ा दी है।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, फरार हुए किशोर नगाड़ा का खोल चोरी करने के आरोप में बाल सुधार गृह भेजे गए थे। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने आसपास के गांव और जंगलों में चेकिंग शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि किशोरों की गिरफ्तारी के लिए किसी भी संभावित मार्ग पर पेट्रोलिंग तेज कर दी गई है।
इस घटना ने सुधार गृह में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अधिकारीयों का कहना है कि बाल सुधार गृह में लगातार निगरानी और सुरक्षा के इंतजाम होते हैं, लेकिन किशोरों ने चालाकी और अंधेरे का फायदा उठाकर फरारी कर ली।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं से सुधार गृह और नाबालिगों की निगरानी प्रणाली को और कड़ा करना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि फरार किशोरों को जल्दी पकड़ना और उन्हें सुरक्षित ढंग से सुधार गृह में वापस लाना प्राथमिकता होनी चाहिए।
पुलिस ने स्थानीय लोगों से भी अपील की है कि यदि कहीं किसी संदिग्ध गतिविधि या किशोरों की उपस्थिति दिखाई दे तो तुरंत पुलिस को सूचना दें। इससे उन्हें जल्द से जल्द पकड़ने में मदद मिलेगी।
सुधार गृह प्रशासन ने बताया कि दोनों किशोरों के फरार होने के बाद सभी सुरक्षा तंत्र और सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी गई है। साथ ही, अन्य किशोरों की निगरानी भी और कड़ी कर दी गई है ताकि कोई और घटना न हो।
घटना ने यह स्पष्ट किया है कि नाबालिग सुधार गृहों में सुरक्षा और निगरानी दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। प्रशासन और पुलिस को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि किशोरों की सुरक्षा के साथ-साथ समाज में उनके सुधार और पुनर्वास की प्रक्रिया भी सही ढंग से चल सके।
फिलहाल, पुलिस और बाल सुधार गृह की टीम किशोरों की तलाश में पूरे इलाके में सक्रिय हैं। अधिकारीयों ने आश्वासन दिया है कि फरार किशोरों को जल्द ही पकड़कर सुधार गृह में वापस लाया जाएगा।
कुल मिलाकर, गुमला की यह घटना न केवल सुरक्षा के इंतजामों पर सवाल उठाती है, बल्कि यह सुधार गृह में निगरानी और तंत्र सुधार की आवश्यकता को भी उजागर करती है।