फिल्म 'निशांछी': एक भावनात्मक यात्रा और शानदार प्रदर्शन
Stressbuster Hindi September 19, 2025 08:42 PM
कहानी का सार

अनुराग कश्यप की फिल्म 'निशांछी' एक ऐसी कहानी पर आधारित है, जिसे हम पहले भी देख चुके हैं। इसमें 'मदर इंडिया' और 'करण अर्जुन' जैसे क्लासिक्स की गूंज सुनाई देती है, जहां भाई अपने प्रियजनों की रक्षा के लिए हर मुश्किल का सामना करते हैं।


इस फिल्म में नए अभिनेता आइश्वरीय ठाकरे ने बाबू और डब्लू के दोहरे किरदार निभाए हैं, जो एक-दूसरे से बिलकुल अलग हैं। डब्लू बाबू की लापरवाही का बोझ उठाता है, जबकि बाबू ज्यादातर समय जेल में बिताता है। कहानी इस बात के इर्द-गिर्द घूमती है कि बाबू जेल क्यों जाता है, उसकी मां (मोनिका पंवार) के साथ उसका जटिल रिश्ता और रिंकू (वेदिका पिंटो) के साथ उसका रोमांस। यह भावनात्मक संघर्ष 'निशांछी' की कहानी को बनाता है।


क्या अच्छा है

'निशांछी' का कास्टिंग इसकी सबसे बड़ी ताकत है। हर अभिनेता अपने किरदार में पूरी तरह से ढल जाता है, जिससे कहानी में गहराई आती है। बैकग्राउंड स्कोर भी महत्वपूर्ण क्षणों को और प्रभावी बनाता है।


संवाद इतने प्रभावशाली हैं कि दर्शक उन्हें याद रखेंगे। संगीत भी एक नई दिशा में है; यहां गाने कहानी को आगे बढ़ाते हैं, जिनके बोल दर्द, प्रेम और विद्रोह को दर्शाते हैं। कश्यप ने समाजिक मानदंडों को चुनौती देने वाले प्रतीकों को भी शामिल किया है, जो आपको फिल्म के खत्म होने के बाद भी सोचने पर मजबूर करते हैं।


क्या नहीं अच्छा है

'निशांछी' का दूसरा भाग काफी धीमा है। पहले भाग से जुड़े दो अच्छे दृश्यों के अलावा, बाकी हिस्सा खींचा हुआ और अनावश्यक लगता है। एक संक्षिप्त संपादन से 30-35 मिनट आसानी से कम किए जा सकते थे।


पोस्ट-क्रेडिट सीन, जो 'निशांछी 2' का संकेत देता है, बहुत अधिक जानकारी दे देता है। कश्यप का 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' का फॉर्मूला दोहराने का प्रयास फिल्म के खिलाफ जाता है, जिससे कुछ दृश्य पूर्वानुमानित हो जाते हैं।


फिल्म के प्रदर्शन

आइश्वरीय ठाकरे का यह डेब्यू प्रभावशाली है। बाबू के किरदार में उनकी अदाकारी, जिसमें एक विश्वसनीय कंनपुरीया लहजा है, कच्ची लेकिन आकर्षक है।


मोनिका पंवार ने मंजिरी के रूप में फिल्म की आत्मा को जीवंत किया है। उनकी गहराई उन्हें अपनी पीढ़ी के बेहतरीन महिला अभिनेताओं में से एक बनाती है।


विनीत कुमार सिंह ने पहलवान जबरदस्त के रूप में दिल को छू लेने वाला प्रदर्शन दिया है।


वेदिका पिंटो ने रिंकू के रूप में अपनी सीमित भूमिका में भी प्रभाव छोड़ा है।


कुमुद मिश्रा ने एंबिका प्रसाद के रूप में विलेन का किरदार इतनी प्रभावी तरीके से निभाया है कि आप उन्हें नफरत करने से नहीं रोक सकते।


अंतिम निष्कर्ष

'निशांछी' अपनी कहानी और समय सीमा में कुछ कमियों के बावजूद अपने कास्ट की ताकत पर खड़ी है। आइश्वरीय ठाकरे एक उभरते सितारे के रूप में सामने आते हैं, जबकि मोनिका पंवार फिर से साबित करती हैं कि वह अपनी पीढ़ी की सबसे आकर्षक अभिनेत्रियों में से एक हैं।


आप थिएटर में एक अनुराग कश्यप के प्रशंसक के रूप में प्रवेश करेंगे, लेकिन आप आइश्वरीय ठाकरे और मोनिका पंवार के लिए उत्साही बनकर बाहर निकलेंगे। बस तैयार रहें, फिल्म की अवधि, 177 मिनट, इससे कहीं अधिक लंबी लगती है। 'निशांछी' 19 सितंबर, 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।


फिल्म का एक दृश्य:


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