ट्रंप ने फिर दी भारत को गीदड़ भभकी, कहा- रूसी तेल खरीदों या तैयार रहो
TV9 Bharatvarsh October 20, 2025 01:42 PM

बीते कुछ दिनों में ऐसा लग रहा था कि भारत और अमेरिका के बीच सबकुछ ठीक चल रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए थक नहीं रहे थे. फिर ऐसा क्या हो गया कि उन्होंने फिर से भारत को गीदड़ भभकी दी है. वो भी रूसी तेल पर. खास बात तो ये है कि उन्होंने इस बात को खुद कबूला था कि भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया है. वहीं भारत के आंकड़े भी कुछ ऐसी ही कहानी बयां कर रहे हैं कि अब भारत में रूसी सप्लाई काफी कम हो गई है. उसके बाद भी ट्रंप ने अपने आपको एक बार फिर से पलटते हुए भारत को धमकी भरे शब्दों में कहा है कि भारत रूसी तेल खरीदना बंद करें, या फिर उस पर हाई टैरिफ जारी रहेगा. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर ट्रंप ने क्या का है..

भारत और अमेरिका के बीच टेंशन

दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच एक बार फिर से टेंशन देखने को मिल सकती है. वास्तव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को पब्लिकली एक सख्त चेतावनी जारी की है. उन्होंने कहा कि भारत तब तक “भारी” टैरिफ का भुगतान करता रहेगा जब तक वह रूसी कच्चे तेल के इंपोर्ट को प्रतिबंधित नहीं करता. राष्ट्रपति ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कहा था कि वह रूसी तेल वाला काम नहीं करेंगे. वास्तव में अमेरिका का मानना है कि भारत का रूसी तेल इंपोर्ट रूसी वॉर मशीन को फ्यूल देने का काम कर रहा है. अगर भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर देगा, तो रूस रेवेन्यू में कटौती होगी और यूक्रेन और रूस का युद्ध बंद हो जाएगा. यह दबावपूर्ण कूटनीति ट्रंप प्रशासन द्वारा कई भारतीय वस्तुओं पर शुल्कों को अभूतपूर्व रूप से 50 फीसदी तक बढ़ा देने के बाद आई है, जिसका स्पष्ट कारण रूसी तेल खरीद पर लगने वाले जुर्माने को बताया गया है.

पहले ट्रंप ने किया था ये दावा

रिपब्लिकन राष्ट्रपति की नई दिल्ली द्वारा रूसी तेल को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की प्रतिबद्धता पर टिप्पणी एक सप्ताह में दूसरी बार आई है. भारत द्वारा उनके इस दावे का खंडन करने के एक दिन बाद कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें रूसी तेल आयात रोकने का आश्वासन दिया था, ट्रंप ने शुक्रवार को अपनी बात दोहराते हुए कहा कि नई दिल्ली ने पहले ही मास्को से तेल खरीदना “कम बंद कर दिया है”. व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय लंच के दौरान बोलते हुए, ट्रंप ने घोषणा की कि भारत “अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा”, और कहा कि उसने पहले मास्को से अपना लगभग 38 प्रतिशत तेल खरीदा था, लेकिन अब “पूरी तरह से वापस ले रहा है. उन्होंने भारत की स्थिति की तुलना हंगरी से की, जिसे उन्होंने एक ही पाइपलाइन पर निर्भरता के कारण “अटक” हुआ बताया.

भारत ने दिया ट्रंप को जवाब

हालांकि, नई दिल्ली ने कहा है कि उसकी एनर्जी पॉलिसी राष्ट्रीय हित और कंज्यूमर्स को अस्थिर वैश्विक कीमतों से बचाने की आवश्यकता से प्रेरित है. ट्रंप की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दोहराया कि भारत तेल और गैस का एक महत्वपूर्ण इंपोर्टर है, और ऊर्जा स्रोतों का विविधीकरण एक प्रमुख प्राथमिकता बनी हुई है.

जायसवाल ने कहा कि ऊर्जा के अस्थिर सिनेरियो में भारतीय कंज्यूमर्स के हितों की रक्षा करना हमारी निरंतर प्राथमिकता रही है. उन्होंने आगे कहा कि भारत की इंपोर्ट पॉलिसी बाजार की स्थितियों से निर्धारित होती हैं और उनका उद्देश्य स्थिर कीमतें और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना है. उन्होंने यह भी कहा कि पिछले एक दशक में अमेरिका के साथ ऊर्जा सहयोग का विस्तार हुआ है और इस साझेदारी को और गहरा करने पर चर्चा जारी है.

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