लाहौर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि इन दोनों नेताओं ने अपनी निजी और राजनीतिक प्रचार के लिए सरकारी खजाने से अरबों रुपये खर्च किए हैं. मरियम नवाज पाकिस्तान में चुनी गईं पहली महिला मुख्यमंत्री हैं.
यह याचिका इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की नेता आलिया हमजा ने शनिवार को अदालत में दायर की. उन्होंने अदालत से कहा कि शहबाज और मरियम हर सरकारी परियोजना में अपनी तस्वीरें लगवाकर और मीडिया में भारी प्रचार कराकर सरकारी पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं.
पाकिस्तान के संविधान का हवाला दियायाचिका में कहा गया है कि यह काम पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 9, 14 और 25 का उल्लंघन है, जो नागरिकों के मौलिक अधिकारों की गारंटी देते हैं. यह आचरण कानून, नैतिकता और पारदर्शी शासन के सिद्धांतों के भी खिलाफ है.
याचिका में अदालत से मांग की गई है कि वह सरकार को इलेक्शन कैंपेन की पूरी जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश दे. साथ ही नेताओं को सार्वजनिक धन के निजी इस्तेमाल से रोके और भविष्य में ऐसे दुरुपयोग को रोकने के लिए दिशा-निर्देश दे.
अब आगे क्या होगा?यह लाहौर हाईकोर्ट की कार्रवाई पर निर्भर करेगा. अगर कोर्ट इस याचिका को स्वीकार करता है, तो सरकार को इन प्रचार अभियानों का पूरा हिसाब देना होगा और हो सकता है कि एक स्वतंत्र जांच समिति भी बनाई जाए. कोर्ट पारदर्शिता कानून के तहत सभी खर्चों की जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश दे सकता है.
पाकिस्तान में इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. इमरान खान की सरकार पर भी सरकारी संसाधनों के प्रचार में इस्तेमाल के आरोप लगे थे. 2018 में कुछ याचिकाओं में इमरान खान की तस्वीरों के इस्तेमाल और विज्ञापन अभियानों की जांच की मांग की गई थी, लेकिन ऐसी याचिकाओं पर फैसला बहुत समय बाद ही होता है.