भारत से भले ही दक्षिण-पश्चिम मानसून की आधिकारिक विदाई हो चुकी है, लेकिन देश के कई हिस्सों में मौसमी अस्थिरता अभी भी बनी हुई है। आगामी कुछ दिन देश के बड़े हिस्से में गंभीर मौसमी उथल-पुथल लाने वाले हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक शक्तिशाली चक्रवाती परिसंचरण की सक्रियता को देखते हुए विस्तृत चेतावनी जारी की है। इस चक्रवात के जोर पकड़ने का अनुमान आज से है, जिसका असर न केवल तटीय क्षेत्रों, बल्कि सुदूर भीतरी राज्यों पर भी व्यापक रूप से पड़ेगा। IMD की इस चेतावनी के बाद कई समुद्री इलाकों में स्थानीय बंदरगाहों को खाली कराने का काम शुरू कर दिया गया है।
IMD के नवीनतम बुलेटिन के अनुसार, यह सक्रिय मौसमी प्रणाली इस समय बंगाल की खाड़ी के ऊपर अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के निकट स्थित है। पूर्वानुमान है कि यह प्रणाली अगले 72 घंटों (यानी 23 अक्टूबर तक) में और अधिक तीव्र होकर आगे बढ़ेगी।
मुख्य प्रभाव की अवधि (अंडमान-निकोबार):
चक्रवाती तूफान का असर एक बड़े भौगोलिक क्षेत्र को प्रभावित करेगा। IMD ने स्पष्ट किया है कि इसका प्रभाव दक्षिण प्रायद्वीप से लेकर पूर्वोत्तर, मध्य, पश्चिम और उत्तर भारत तक महसूस किया जाएगा। कुल मिलाकर, 11 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सीधे इसकी चपेट में आ सकते हैं:
चक्रवात की गति की दिशा अंडमान-निकोबार से शुरू होकर केरल की ओर मुड़ेगी। इसके बाद यह अपने अवशेषों या निम्न दबाव के रूप में राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और हिमाचल प्रदेश तक मौसमी हलचल पैदा कर सकता है।
1. दक्षिण भारतीय राज्यों में मूसलाधार बारिश (20 से 24 अक्टूबर):
2. बिजली गिरने (Lightning) का विशेष अलर्ट (20 से 24 अक्टूबर):
IMD ने चार प्रमुख राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली गिरने की घटना को लेकर विशेष चेतावनी जारी की है, जो जान-माल के लिए खतरनाक साबित हो सकती है:
3. पश्चिमी और उत्तरी भारत में मौसम की हलचल:
आम जनता और प्रशासन को सलाह दी गई है कि वे IMD द्वारा जारी किए गए नवीनतम अपडेट्स पर लगातार नजर रखें और सुरक्षा के सभी आवश्यक उपाय सुनिश्चित करें।