मुंबई, 28 नवंबर। गोवा में आयोजित 56वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएफएफआई) में विभिन्न भाषाओं और शैलियों की फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है, जिसमें क्षेत्रीय सिनेमा को भी विशेष महत्व दिया गया है। इस महोत्सव में अभिनेता अमित साध और नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसे प्रमुख कलाकार भी शामिल हुए। उन्होंने इस दौरान अपने विचार साझा किए।
अमित साध ने आईएएनएस से बातचीत में इस महोत्सव के महत्व और इसके उद्देश्यों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि आईएफएफआई का मुख्य उद्देश्य विश्वभर के लोगों को एक साथ लाना है। पिछले वर्ष भी वह इस महोत्सव में शामिल हुए थे, जब उनकी फिल्म 'पुणे हाइवे' का प्रीमियर हुआ था।
साध ने कहा कि इस महोत्सव के माध्यम से कलाकार अपनी रचनाओं को स्वतंत्रता से प्रस्तुत कर सकते हैं। यही कारण है कि यह महोत्सव आने वाले वर्षों में भी जारी रहेगा और भारतीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में मदद करेगा।
उन्होंने क्षेत्रीय सिनेमा की सराहना करते हुए कहा कि विभिन्न राज्यों की फिल्में अब बड़े पर्दे पर दिखाई देने लगी हैं। इस महोत्सव ने ऐसे कलाकारों और निर्माताओं को एक उचित मंच प्रदान किया है, जिससे उनकी कहानियां व्यापक दर्शकों तक पहुंच रही हैं।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने भी इस महोत्सव की प्रशंसा की और इसके योगदान पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव के माध्यम से फिल्मों को रिलीज में सहायता मिलती है, जिससे दर्शकों तक पहुंचना आसान हो जाता है।
उन्होंने क्षेत्रीय फिल्मों के महत्व पर जोर देते हुए बताया कि छोटे बजट या विभिन्न भाषाओं में काम करने वाले फिल्म निर्माताओं और कलाकारों को आईएफएफआई जैसे प्लेटफार्म से भरपूर सहयोग मिलता है।
अमित साध और नवाजुद्दीन सिद्दीकी, दोनों ही भारतीय सिनेमा के प्रमुख और प्रभावशाली अभिनेता हैं। अमित साध ने अपने करियर की शुरुआत छोटे नाटकों और टीवी सीरियल्स से की थी, जिसमें 'क्यों होता है प्यार', 'दुर्गेश नंदिनी' और 'नच बलिए' जैसे शो शामिल हैं। उन्होंने 'काई पो चे!', 'सुल्तान' और 'गोल्ड' जैसी फिल्मों में अपनी पहचान बनाई। इसके अलावा, उन्होंने वेब सीरीज 'ब्रीद' में इंस्पेक्टर कबीर सावंत की भूमिका निभाकर दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने भी अपने अभिनय करियर में एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने 'सरफरोश', 'शूल' और 'मुन्ना भाई एमबीबीएस' जैसी फिल्मों से शुरुआत की, लेकिन उन्हें व्यापक पहचान अनुराग कश्यप की 'ब्लैक फ्राइडे' और 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से मिली। इसके बाद उन्होंने 'द लंचबॉक्स', 'बजरंगी भाईजान', 'रमन राघव 2.0' और 'मंटो' जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया। वह लगातार चुनौतीपूर्ण और विविध भूमिकाओं को निभाकर भारतीय सिनेमा में अपनी मजबूत पहचान बनाए हुए हैं।