समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने शनिवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की तिथि आगे बढ़ाए जाने पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने दावा किया कि एसआईआर की प्रक्रिया में जुटे अधिकारियों पर मंत्रियों की तरफ से दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। ऐसा करके मंत्री अपने मन मुताबिक कुछ करवाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। एसआईआर की प्रक्रिया में संलिप्त अधिकारियों पर इस तरह का दबाव बनाया जा रहा है कि वो अब इसे आगे बढ़ाने की स्थिति में नहीं हैं।
सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि यहां पर डिप्टी सीएम आते हैं और दूसरे मंत्री भी आते हैं। यह लोग मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण पर बाकायदा बैठकें करते हैं। ऐसा करके यह लोग पूरी स्थिति को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं और जब इस संबंध में मीडिया की तरफ से सवाल किया जाता है, तो ये लोग मौन साध लेते हैं। कहते हैं कि हम लोग तो सिर्फ पार्टी के संबंध में फैसले ले रहे हैं, कार्यकर्ताओं को कुछ निर्देश दे रहे हैं।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि जबकि सच्चाई यह है कि ये लोग मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर चर्चा कर रहे हैं। ये लोग कुछ गड़बड़ करने का प्लान बना रह रहे हैं, लेकिन हमारी पार्टी के कार्यकर्ता सभी बूथों पर तैनात हैं, वो कुछ भी ऐसा नहीं होने देंगे, जिससे आगे चलकर स्थिति चुनौतीपूर्ण हो। उन्होंने कहा कि ये लोग मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की आड़ में पूरी राजनीतिक स्थिति को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी हमेशा से ही मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का विरोध करती हुई आई है और आगे भी करती रहेगी। हम किसी भी प्रकार की अलोकतांत्रिक स्थिति स्वीकार नहीं कर सकते हैं।
समाजवादी पार्टी के नेता ने दावा किया कि मौजूदा समय में देश में आपातकाल घोषित है। किसी को भी शासन की आलोचना करने का हक नहीं है। अगर कोई गलती से भी शासन की आलोचना करता हुआ पाया जाता है, तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाती है। उसकी आवाज को दबाने की कोशिश की जाती है। इन सभी स्थिति से यह साफ जाहिर होता है कि मौजूदा समय में देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति बनी हुई है। वहीं, कफ सिरप प्रकरण पर उन्होंने कहा कि असली आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। उसके खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो सकती है, क्योंकि हर कोई जानता है कि वो लोग किनके लिए काम कर रहे थे, किनके लिए कमा रहे थे।