शंकराचार्य की ये अपील बिगाड़ देगी कई सियासी दलों का खेल! जानें, वोटर्स से क्या कह दिया
एबीपी लाइव डेस्क September 20, 2024 07:12 PM

Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand Saraswati: चुनावी समर के बीच ज्योतिष पीठ (उत्तराखंड में) के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने हिंदू वोटर्स से खास अपील की और कहा कि जब भी कोई वोट मांगने आए तो लोग उनसे एक खास बात कहें. यूट्यूब चैनल 'न्यूज तक' को दिए इंटरव्यू के दौरान शंकराचार्य ने गोहत्या को लेकर कहा, "जो दल सत्ता में है और जो आने वाला है, उनसे हमारा कहना है कि वह गाय पर रुख साफ करें. अब हम हर हिंदू मतदाता से अपील करेंगे कि जब भी उनके पास कोई वोट मांगने तो उनसे वह पूछें कि उनके गाय को लेकर क्या विचार हैं?"

हिंदू वोटर्स से शंकराचार्य ने कहा, "शपथ के साथ जो गाय के पक्ष में खड़ा होने के लिए बोले, उसी को वोट दें. हिंदू इसके अलावा किसी और को वोट देंगे तो उन्हें भी गाय माता की हत्या का पाप लगेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि जो गोहत्या का समर्थन करता है, उसे भी पाप लगता है." शंकराचार्य की हिंदू मतदाताओं से यह अपील ऐसे समय पर की गई है, जब कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. हरियाणा और जम्मू कश्मीर (यूटी) के नतीजे जहां आठ अक्टूबर को आएंगे, वहीं महाराष्ट्र और झारखंड में भी विस चुनाव होने है. यूपी में 10 सीटों पर उप-चुनाव होने हैं, जबकि अगले साल दिल्ली और बिहार में भी विस चुनाव होंगे. ऐसे में शंकराचार्य की ताजा अपील कई सियासी दलों और उनके उम्मीदवारों का गेम प्लान बिगाड़ सकती है.

जातीय जनगणना पर क्या सोचते हैं शंकराचार्य?

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के जातीय जनगणना वाले बयान (कराने के पक्ष में) पर शंकराचार्य ने कहा, "जातीय जनगणन का उद्देश्य क्या है? लोगों के बारे में बहुत कुछ तो आपको पता है पर क्या जिनके बारे में आपको पता है, क्या आप उनको कुछ दे पा रहे हैं. लोग बेरोजगार घूम रहे हैं, आप उन्हें नौकरी ही नहीं दे पाए हैं."

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया, "आप जब यह सुनिश्चित कर लें कि सबको नौकरी मिल गई है तब तो इसकी बात बनती है पर अभी सबको रोजगार नहीं है. गिनती (जातीय जनगणना) के बाद सब लड़ेंगे. ऐसे में हमारा कहना है कि गिनती होना या न होना बेकार की बाते हैं. सहज में गिनती होना ठीक है पर इसे राजनीतिक मुद्दा बनाकर गिनती कराएंगे तो अलग मतलब होगा. यह विभेद का काम करेगा."

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