जोधपुर न्यूज़ डेस्क, पाली मेडिकल काॅलेज की पूर्व प्रिंसिपल डॉ. अरुणा सोलंकी (70) भी साइबर ठगी का शिकार हो गईं। जोधपुर के रातानाडा में रह रहीं डॉ. अरुणा को साइबर ठगाें ने 17 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखकर 87 लाख रुपए ठग लिए। साइबर ठगों ने खुद को कस्टम ऑफिसर और मुंबई सीआईडी का अधिकारी बताकर डराया कि आपके पार्सल में नशीली सामग्री, जाली पासपोर्ट और क्रेडिट कार्ड मिले हैं। इसके बाद अरेस्ट वारंट का डर दिखाया। जाेधपुर की रातानाडा थाने की पुलिस जांच में जुटी है।
प्रिंसिपल ने पुलिस को बताया कि 20 अगस्त को उन्हें कस्टम ऑफिसर प्रमोद कुमार के नाम से फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि उनका एक पार्सल मुंबई में आया हुआ है, जिसमें नशे की सामग्री मिली है। कई जाली पासपोर्ट और क्रेडिट कार्ड भी हैं। यह मामला मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच को साैंपा गया है। मुंबई पुलिस का अधिकारी बताते हुए सुनील कुमार नाम से फोन आया और बैंक खातों और फिक्स डिपोजिट के बारे में जानकारी ली। पूछताछ के बाद चार लेटर भेजे, जिसमें सीबीआई के साथ एग्रीमेंट, एसेट सीजर, अरेस्ट वारंट और केस रिपोर्ट पेपर थे। यह सब देखकर डॉक्टर घबरा गईं और डरकर सारी जानकारी ठगों को दे दी। ठगों ने डॉक्टर से तीन साल का वित्तीय लेन-देन ले लिया।
51 लाख और 21 लाख की दो एफडी तुड़वा दी
ठगों ने दबाव देकर 51 लाख की एफडी तुड़वाकर खाते में डलवाई। रुपयों को तुरंत खाते से निकालकर दूसरे खाते में ट्रांसफर करवा दिया। इस ट्रांजेक्शन के बाद भी रोज कॉल कर अरेस्ट करने की धमकी देते रहे। इसके बाद जमानत याचिका के लिए 8 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए।ठग डॉक्टर को आश्वासन देते रहे कि पूरा पैसा वापस आ जाएगा। 28 अगस्त को धमका कर 21 लाख रुपए की दूसरी एफडी भी तुड़वा कर खाते में ट्रांसफर करवा ली। 3 सितंबर को कहा कि आपको नो क्राइम बॉन्ड लेना पड़ेगा। इसके लिए 5 लाख रुपए लिए। 5 सितंबर को कहा कि रिफंड के लिए वकील की फीस के 2 लाख देने होंगे।