मंकीपॉक्स एक घातक वायरस है जो अब हिंदुस्तान में भी फैल चुका है. अफ्रीका में इससे काफी तबाही मच चुकी है, और अब इसका घातक वेरिएंट क्लेड-1 हिंदुस्तान में पाया गया है. केरल में इसका पहला मुद्दा सामने आया है. इस वायरस को देखते हुए डब्ल्यूएचओ (WHO) ने पिछले महीने इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था.
मंकीपॉक्स का खतरा
मंकीपॉक्स वायरस तेजी से फैल रहा है, और इसके कारण पूरे विश्व में चिंता बढ़ गई है. कोविड-19 वायरस की महामारी के बाद अब मंकीपॉक्स ने लोगों को फिर से चिंतित कर दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, यह वायरस इतनी तेजी से फैल रहा है कि यह सिर्फ़ कुछ ही दिनों में मध्य पूर्वी राष्ट्रों से 17 अन्य राष्ट्रों में पहुंच चुका है.
केरल में पहला मामला
केरल के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 38 वर्ष का एक आदमी मंकीपॉक्स के क्लेड-1 स्ट्रेन से संक्रमित पाया गया है. यह आदमी हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात से हिंदुस्तान लौटा था. इस मुद्दे के सामने आने के बाद राज्य गवर्नमेंट और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर हैं.
मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स के लक्षण कोविड से मिलते-जुलते हैं. सबसे पहले रोगी को बुखार होता है, जिसे लोग अक्सर सीजनल फ्लू समझ लेते हैं. इसके अलावा, रोगी को खांसी, मतली, उल्टी और त्वचा पर दाने दिखाई देने लगते हैं.
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, संक्रमित आदमी की पीठ और मांसपेशियों में दर्द, थकान और सिर में दर्द हो सकता है. त्वचा पर दाने मवाद से भरने लगते हैं और खुजली होती है. कभी-कभी, रोगी के मलाशय में सूजन हो जाती है, जिससे यूरिन पास करने में परेशानी होती है.
मंकीपॉक्स कैसे फैलता है
मंकीपॉक्स वायरस संक्रमित आदमी के घावों, दानों या उनके द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों के संपर्क में आने से फैलता है. यह वायरस हवा में सरलता से नहीं फैलता, लेकिन यदि कोई आदमी मंकीपॉक्स से संक्रमित है, तो उसके घावों को छूने, या घावों से निकलने वाले द्रव के संपर्क में आने से संक्रमण हो सकता है. गर्भवती महिलाएं भी अपने बच्चे को इस वायरस से संक्रमित कर सकती हैं, और यौन संबंध के जरिए भी इसके फैलने की आसार है.