अमिताभ ने इण्डिया टुडे को दिए साक्षात्कार में बोला था, “मैं न धूम्रपान करता हूं, न शराब पीता हूं और न मांस खाता हूं. पहले मैं मांस भी खाता था, शराब भी पीता था और धूम्रपान भी करता था. लेकिन, अब (1980) मैंने ये सब छोड़ दिया है. जब मैं कलकत्ता में था तब मैं एक दिन में 200 सिगरेट पी जाता था. जी, 200, लेकिन फिर मैंने बॉम्बे आने के बाद सिगरेट छोड़ दी. मुझे जो दिखता था मैं वो पी लेता था, लेकिन फिर मुझे समझ आया कि मुझे इनकी आवश्यकता नहीं है.”
ऐसे में अमिताभ से पूछा गया था कि क्या उन्होंने ये धार्मिक कारणों की वजह से छोड़ा था? इस पर अमिताभ ने बोला था, ‘धार्मिक नहीं, पर्सनल कारण से छोड़ा था. हमारे परिवार में मेरे पिता शाकाहारी हैं और मेरी मां मांस खाती हैं. इसी तरह जया मांस खाती हैं और मैं नहीं.’
‘कुली’ के दौरान हुई हादसा के बाद अमिताभ ने दवाईयों के भारी डोज लिए थे. ऐसे में इस एक्सीडेंट के कुछ ही समय बाद वे मायस्थेनिया ग्रेविस नामक रोग से ग्रसित हो गए थे. फिर हेपेटाइटिस वायरस की वजह से उन्हें लिवर सिरोसिस हो गया. नतीजा ये हुआ कि उनका 75 प्रतिशत लिवर संक्रमित हो गया और चिकित्सक को लिवर का ये 75 प्रतिशत हिस्सा काटकर अलग करना पड़ा. ऐसे में अब अमिताभ 25 प्रतिशत लीवर पर जिंदा है. हालांकि, उन्होंने कभी हौसला नहीं हारी. वह 82 वर्ष की उम्र में भी हर रोज शूटिंग करते हैं और लोगों को मोटिवेट करते हैं.