Pakistan Army Chief in Saudi Arab : पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर अचानक से ही सऊदी अरब की यात्रा पर निकल गए और वहां पहुंचकर तुरंत क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की. पाकिस्तान आर्मी चीफ ने इस मुलाकात को काफी खुफिया बनाए. उनकी इस यात्रा का पाकिस्तानी सेना ने कोई ऐलान नहीं किया. इस खुफिया मुलाकात की जानकारी तब हुई जब सऊदी अरब ने एक बयान जारी किया. बयान में सऊदी अरब ने पाकिस्तान के साथ सैन्य और रक्षा संबंधों को मजबूत करने को लेकर हुए चर्चा की जानकारी दी. हालांकि पाकिस्तानी विश्लेषकों ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ की इस यात्रा के पीछे का कारण जनरल असीम मुनीर के डर को बताया है.
पाकिस्तानी विश्लेषकों ने इस यात्रा पर क्या कहा?
अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के पूर्ण बहुमत से जीतने के तुरंत बाद पाकिस्तानी आर्मी के चीफ असीम मुनीर तुरंत सऊदी अरब की यात्रा पर निकल गए. बता दें कि ट्रंप की जीत के लिए पाकिस्तान में भी करोड़ों लोग मन्नतें मांग रहे थे. दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई के नेता इमरान खान के बहुत करीबी माने जाते हैं. साल 2019 में इमरान खान और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात भी हुई थी बता दें कि पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर और इमरान खान के बीच तनाव काफी ज्यादा हो गया है और इसी वजह से पाक आर्मी चीफ टेंशन में है.
क्या इमरान खान जेल से आने वाले हैं बाहर?
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई के नेता इमरान खान इस समय जेल में सजा काट रहे हैं. डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में वापस आने पर अब इमरान समर्थकों को यह उम्मीद है कि उनके नेता अब जेल से बाहर आ जाएंगे. वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तानी आर्मी चीफ इमरान खान को अभी जेल में हीं रखना चाहते हैं.
जनरल मुनीर का पाकिस्तानी सरकार पर दबदबा
पाकिस्तानी सेना प्रमुख का वर्तमान सरकार का काफी दबदबा है. अभी हाल ही में जनरल असीम मुनीर ने शहबाज सरकार पर दबाव डालकर संविधान संशोधन कराया और अपना कार्यकाल साल 2027 तक बढ़वा लिया है.
इजरायल को लेकर पाक आर्मी चीफ का डर
पाकिस्तानी आर्मी चीफ का एक डर इजरायल को लेकर भी है. बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल में अब्राहम अकॉर्ड कराया था और यूएई ने इजरायल को मान्यता दे दी थी. इसके बाद ट्रंप उनपर और उनके दामाद जेरेड कुश्नर सऊदी पर दबाव डाल रहे थे कि वह इजरायल को मान्यता दे. अब ट्रंप फिर से सत्ता में आ रहे हैं तो गाजा युद्ध को रूकवाकर सऊदी पर फिर से इजरायल को मान्यता देने के लिए फिर से दबाव डाल सकते हैं.