क्रिकेट न्यूज़ डेस्क ।। वर्ष 2024 में खेलों में भारत का प्रदर्शन अच्छा रहा। इस वर्ष कई प्रमुख आयोजन हुए, जिनमें ओलंपिक और टी-20 क्रिकेट विश्व कप जैसी वैश्विक प्रतियोगिताएं शामिल हैं। भारत ने वर्ष 2024 में खेल के क्षेत्र में ये पांच बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं।
टी-20 विश्व कप में विजय
टी-20 विश्व कप जीतना भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के लिए बेहद खास उपलब्धि साबित हुई। रोहित शर्मा की अगुवाई में इस जीत ने भारत का पिछले 11 वर्षों का आईसीसी ट्रॉफी सूखा समाप्त कर दिया। विश्व कप की मेजबानी वेस्टइंडीज और संयुक्त राज्य अमेरिका ने संयुक्त रूप से की थी, जहां भारतीय टीम ने बारबाडोस में फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को सात रनों से हराकर दूसरी बार टी-20 विश्व कप ट्रॉफी जीती थी। इससे पहले भारत ने महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में 2007 में टी20 विश्व कप का उद्घाटन संस्करण जीता था।
मनु भाकर ने कमाल कर दिया।
पेरिस ओलंपिक में भले ही भारत टोक्यो ओलंपिक का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाया, लेकिन भारत की युवा स्टार निशानेबाज मनु भाकर ने इतिहास रचकर कमाल कर दिया। मनु भाकर ने टोक्यो ओलंपिक में अपने अभियान को बेहद निराशाजनक तरीके से समाप्त करने के बाद अविश्वसनीय वापसी की। पेरिस ओलंपिक 2024 में मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल वर्ग में व्यक्तिगत और टीम स्पर्धाओं में दो कांस्य पदक जीतकर सनसनी मचा दी। वह एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं।
नीरज चोपड़ा ने एक और पदक जीता
टोक्यो ओलंपिक के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में भी रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया। ट्रैक और फील्ड में भारत के पहले स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा भी पेरिस में भाला फेंक स्पर्धा में रजत जीतने में सफल रहे। हालांकि उन्होंने पाकिस्तान के अरशद नदीम को पीछे छोड़ दिया, जिन्होंने ओलंपिक रिकॉर्ड बनाते हुए असाधारण थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था, लेकिन नीरज का रजत पदक पेरिस में भारत का सबसे बड़ा पदक साबित हुआ, जो स्टार एथलीट के कद और प्रदर्शन के लिए पर्याप्त से अधिक था।
पैरालिम्पिक्स में विशेष प्रदर्शन
पेरिस ओलंपिक के बाद पैरालंपिक खेलों में भी भारत का प्रदर्शन बेहद खास रहा। इन खेलों में भारत ने पेरिस पैरालंपिक के अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाकर इतिहास रच दिया। भारत ने पेरिस पैरालिम्पिक्स में कुल 29 पदक जीते, जिनमें से सात स्वर्ण पदक थे। इसके अलावा उन्होंने 9 रजत पदक और 13 कांस्य पदक भी जीते। इससे पहले, भारतीय पैरालंपिक एथलीटों ने टोक्यो 2020 खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था, जिसमें उन्होंने 19 पदक जीते थे, जिनमें से 5 स्वर्ण पदक थे।
गुकेश डी विश्व शतरंज चैंपियन बने
क्रिकेट, ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों के अलावा इस साल गुकेश डी ने शतरंज की दुनिया में भी अपना दबदबा कायम किया और महज 18 साल की उम्र में विश्व शतरंज चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया। उन्होंने 12 दिसंबर 2024 को चीन के डिंग लिरेन को हराकर यह असाधारण उपलब्धि हासिल की। इस जीत के साथ भारत ने 11 साल बाद एक बार फिर खिताब जीत लिया है। इससे पहले केवल विश्वनाथन आनंद ने यह उपलब्धि हासिल की थी।