मनोरंजन न्यूज़ डेस्क - मनोरंजन जगत से बुरी खबर आई है कि मशहूर मलयालम लेखक, फिल्म निर्माता और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता एमटी वासुदेवन नायर का निधन हो गया है। उन्होंने 91 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। नायर के निधन से साउथ इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा है। एमटी का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ। सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एमटी वासुदेवन नायर 91 साल के थे और बीमार भी थे। 15 दिसंबर को उन्हें दिल का दौरा पड़ा और सांस लेने में तकलीफ हुई, इसलिए निर्देशक को कोझीकोड के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान 25 दिसंबर को रात 10 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
अपने काम के लिए जाने जाएंगे नायर
एमटी वासुदेवन नायर को एमटी के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने अपने करियर में अपने काम से एक अलग पहचान बनाई। अस्पताल के सूत्रों ने पीटीआई को एमटी के निधन की खबर की पुष्टि की थी। उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते दिल का दौरा पड़ने से उनकी हालत खराब हो गई थी, तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। जान लें कि एमटी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। पटकथा लेखक और फिल्म निर्देशक के तौर पर उन्होंने खूब ख्याति अर्जित की। एमटी ने 7 फिल्मों का निर्देशन किया और करीब 54 फिल्मों की पटकथा लिखी। अब ऐसे महान व्यक्ति को कौन भूल सकता है।
कई पुरस्कारों से सम्मानित
एमटी को उनके शानदार काम के लिए एक नहीं बल्कि कई पुरस्कार मिले हैं। उनकी साहित्यिक उपलब्धियों ने उन्हें 1995 में भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार के साथ-साथ केंद्र साहित्य अकादमी पुरस्कार, केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार, वायलार पुरस्कार, वल्लथोल पुरस्कार, एझुथाचन पुरस्कार, मातृभूमि साहित्य पुरस्कार और ओएनवी साहित्य पुरस्कार सहित कई अन्य सम्मान दिलाए हैं। 2005 में एमटी को भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
केरल में शोक की घोषणा
एमटी के निधन से इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा है। वह इतने अच्छे इंसान थे कि केरल सरकार ने उनके सम्मान में दो दिन यानी 26 दिसंबर और 27 दिसंबर को शोक घोषित किया है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सम्मान स्वरूप 26 दिसंबर को निर्धारित अपनी सभी कैबिनेट बैठकें और अन्य कार्य स्थगित कर दिए हैं।