मनोरंजन न्यूज़ डेस्क - तारक मेहता का उल्टा चश्मा टेलीविजन जगत के सबसे पसंदीदा शो में से एक है। पिछले 13 सालों में शो के किरदारों में कई बदलाव हुए हैं। यहां तक कि कई चेहरे भी बदल गए हैं। इसके बावजूद शो की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है। हालांकि, यह सवाल कई बार उठ चुका है कि तारक मेहता का उल्टा चश्मा सीरियल की शुरुआत कैसे हुई? असली तारक मेहता कौन हैं? इस नाम का कोई शख्स है भी या नहीं? आइए इस रिपोर्ट में सभी सवालों के जवाब जानते हैं।
'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' शो गुजरात के दिग्गज स्तंभकार तारक मेहता के कॉलम 'दुनिया ने ऊंचा चश्मा' पर आधारित है। इसके बावजूद इस सीरियल की शुरुआत बेहद अजीब संयोग से हुई। दरअसल, इस शो का आइडिया कॉलम के प्रोड्यूसर असित मोदी को उनके बेहद खास दोस्त जतिन कनकिया ने दिया था। उन्होंने ही असित मोदी को तारक मेहता के कॉलम से परिचित कराया था। इस बात की जानकारी खुद असित मोदी ने एक इंटरव्यू में दी थी। बात साल 1995 की है। उस समय स्तंभकार तारक मेहता मुंबई से अहमदाबाद चले गए थे। साल 1997 में उनकी मुलाकात असित मोदी से हुई। दोनों ने 'दुनिया ने उल्टा चश्मा' स्तंभ पर आधारित सीरियल बनाने का विचार किया और दो साल तक उनकी बातचीत चलती रही।
दरअसल, उस दौरान स्तंभकार तारक मेहता भी असमंजस में थे, क्योंकि सूरत में रहने वाले उनके करीबी दोस्त महेश भाई वकील भी स्तंभ पर आधारित सीरियल बनाने की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने एक-दो एपिसोड तैयार भी कर लिए थे। स्तंभकार ने महेश भाई वकील और असित मोदी के बीच मीटिंग कराई, जिसमें 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' शो पर सहमति बनी। इस शो का नाम ऐसा इसलिए रखा गया, क्योंकि तारक मेहता देश और समाज में हो रही घटनाओं को अनोखे अंदाज में देखते थे।
सीरियल को लेकर हर तरफ से सहमति बनने के बाद भी असित मोदी की मुश्किलें कम नहीं हुईं। दरअसल, उस वक्त सभी चैनलों ने इस सीरियल को टेलीकास्ट करने से मना कर दिया था। आखिरकार सब टीवी ने इस सीरियल के लिए हामी भर दी और 2009 में 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' शुरू हुआ। अब तक इसके 2200 से ज़्यादा एपिसोड टेलीकास्ट हो चुके हैं। इस सीरियल के किरदार चाहे वो जेठालाल हों, दया हों, टप्पू हों या चंपक लाल, हर किसी की जुबान पर हैं। दर्शकों को उनकी एक्टिंग भी खूब पसंद आती है।