कोलकाता, 27 जनवरी . कोलकाता के विभिन्न इलाकों में स्थित 30 पुराने घरों की म्यूटेशन लॉक कर दी गई है, जिससे इन संपत्तियों का हस्तांतरण अब संभव नहीं होगा. इन घरों में न तो कोई वैध उत्तराधिकारी मौजूद हैं और न ही संपत्ति कर (टैक्स) का भुगतान किया गया है. कोलकाता नगर निगम के असेसमेंट और बिल्डिंग विभाग की संयुक्त सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम प्रमोटरों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए उठाया गया है.
इन घरों की अधिकतर संख्या उत्तर कोलकाता में स्थित है, जबकि कुछ पुराने घर मेटियाब्रूज के अंचल में भी पाए गए हैं. इन घरों में रहने वाले लोग या तो अन्य राज्य में चले गए हैं, या फिर विदेश में स्थायी रूप से निवास कर रहे हैं. इन घरों का रखरखाव भी कस्टोडियनों द्वारा किया जा रहा है, जबकि मालिकों का कोई अता-पता नहीं है.
कोलकाता नगर निगम के असेसमेंट विभाग के अधिकारियों के अनुसार, कई वर्षों से इन घरों का संपत्ति कर बकाया है. हालांकि, राज्य सरकार ने इन बकाएदार संपत्तियों से कर वसूलने के लिए एक योजना शुरू की थी, जिसके तहत 90 प्रतिशत बकाया कर वसूला जा चुका है. फिर भी, इन 30 घरों में से कई को ‘भूतिया संपत्ति’ की तरह छोड़ दिया गया है. इन घरों के बारे में नोटिस भेजने के बावजूद भी इनके वैध उत्तराधिकारी नहीं मिल पाए.
बिल्डिंग विभाग ने इन संपत्तियों को ‘खतरे में’ घोषित किया है, और इन पर म्यूटेशन लाक लगाकर प्रमोटरों द्वारा नए निर्माण की संभावनाओं को रोका गया है. विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस कदम से संपत्ति का अवैध कब्जा रोका जा सकेगा और बिल्डरों की मनमानी पर नियंत्रण किया जाएगा.
/ ओम पराशर