उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क केजीएमयू में असाध्य बीमारियों से पीड़ितों को समय पर दवाएं नहीं मिल रही हैं. मरीजों को मुफ्त दवा के लिए 20 से 30 दिन का इंतजार करना पड़ रहा है. मरीज डॉक्टरों से शिकायत कर रहे हैं. इसके बावजूद समस्या का हल नहीं हो रहा है. मजबूरन गरीब मरीज बाजार से दवा खरीदने को मजबूर हैं.
केजीएमयू में असाध्य, विपन्न, आयुष्मान, पंडित दीन दयाल, मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री राहत कोष समेत दूसरी योजनाओं का संचालन हो रहा है. इसके तहत गरीब व गंभीर बीमारी से पीड़ितों को मुफ्त इलाज मुहैया कराया जा रहा है. डॉक्टर की सलाह पर मरीजों को मुफ्त दवाएं भी योजना के तहत मुहैया कराई जाती है. मरीजों को दवा के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. 20 से 30 दिन बाद मरीजों को दवा नहीं मिल पा रही है. समय पर दवा न मिलने से मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है. ऑपरेशन तक टल रहे हैं. आरोप हैं कि कंपनियां दवा की आपूर्ति में लेटलतीफी कर रही हैं.
बहराइच निवासी सीताराम वर्मा का पांच साल का बेटा आदर्श है. उसका इलाज पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में चल रहा है. डॉक्टर ने ऑपरेशन की सलाह दी है. सीएम फंड से ऑपरेशन के लिए मदद मिली. डॉक्टर ने ऑपरेशन से पहले दवाएं व कुछ सामान इंडेट किया था. एक माह की जद्दोजहद के बाद कुछ दवाएं मिली हैं. सर्जिकल अंकोलॉजी विभाग से शानू शर्मा का कैंसर का इलाज चल रहा है. सीएम फंड से उन्हें इलाज के लिए मदद मिली है. डॉक्टरों ने दवा लिखी. तीन कार्य दिवस में दवा उपलब्ध कराए जाने को कहा मगर 21 दिन बीतने बाद मरीज को दवा मिल सकी. प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह का कहना है कि मरीजों को समय पर दवाएं मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है.
रैंप निर्माण में सुस्ती से मरीजों की भर्ती थमी
केजीएमयू के लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग में दिल के मरीजों की दिक्कतें दूर नहीं हो रही हैं. मरीजों को एक-एक बेड के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है. वहीं दूसरी तरफ लारी के विस्तार में रैंप ने रोड़ा बना हुआ है. सुस्त निर्माण कार्य से बेड की संख्या नहीं बढ़ पा रही है. लारी में लगभग 80 बेड हैं. प्रदेश भर से गंभीर दिल के मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. ओपीडी में रोजाना 300 से 400 मरीज आ रहे हैं. रोजाना इमरजेंसी में 100 से अधिक मरीज देखे जा रहे हैं. प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि जल्द ही नए भवन में दिल के मरीजों की भर्ती होगी. अभी कुछ सेवाएं नए भवन में संचालित की गई हैं.
लखनऊ न्यूज़ डेस्क