राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान एक समय ऐसा आया जब एक मंत्री पूछे गए सवाल का स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। यह प्रश्न अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सेवकों की बैठकों तथा पालनहार योजना के तहत लंबित भुगतान से संबंधित था। विपक्ष ने इन दोनों मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा, लेकिन जब कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला तो बहस शुरू हो गई।
"जब मैं इसे देखूंगा तो आपको बता दूंगा"
विधायक अनिल कुमार ने सरकार से पूछा कि अनुसूचित क्षेत्रों में कितनी ग्राम सभाएं आयोजित की गईं और पिछली सरकार ने इनका आयोजन क्यों नहीं किया? इस संबंध में पंचायत राज एवं शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने जवाब दिया कि पिछली सरकार में इस तरह की बैठकें नहीं होती थीं और कोई विशेष काम भी नहीं हुआ। विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने मंत्री के जवाब पर पलटवार करते हुए पूछा कि पिछले डेढ़ साल में सरकार ने कितनी बैठकें की हैं? मंत्री मदन दिलावर इसका स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए और कहा कि मैं देखूंगा और आपको बताऊंगा। इस वजह से विपक्ष ने सरकार की जिम्मेदारी पर सवाल उठाए।
बकाया भुगतान के बारे में प्रश्न
विधायक मनीष यादव ने अनाथ एवं गरीब बच्चों के पालन-पोषण से संबंधित पालनहार योजना के तहत 40.15 करोड़ रुपए के लंबित भुगतान का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि सरकार यह राशि कब जारी करेगी? जवाब में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि जुलाई से दिसंबर तक 40 करोड़ रुपए की राशि बकाया है, लेकिन यह सतत प्रक्रिया है।
'97% सत्यापन पूरा हो गया'
मंत्री ने कहा कि हर साल 50 से 60 हजार नए पालक बच्चे जुड़ते हैं और अब तक 97 प्रतिशत सत्यापन पूरा हो चुका है। मंत्री ने यह भी कहा कि कुछ तकनीकी कारणों से बैंकों में खाता विवरण गलत होने के कारण भुगतान में देरी हुई। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि वित्तीय वर्ष के लिए संपूर्ण ईसीएस पूरा हो चुका है और शेष राशि का भुगतान जल्द ही कर दिया जाएगा।