राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को जल जीवन मिशन के स्वीकृत कार्यों में अनियमितताओं को लेकर चर्चा हुई। छबड़ा विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत कार्यों पर सवाल उठाते हुए भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने कहा, कई अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन किया है और लापरवाही से कंपनियों को अधिक भुगतान किया है। क्या ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी?
'पिछली सरकार में घोटाले हुए, जांच जारी है'
सरकार की ओर से इस सवाल का जवाब देते हुए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल ने कहा कि अब तक 117 कार्य पूरे हो चुके हैं और जो भी कार्य लंबित हैं, उन्हें भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा। मंत्री ने आश्वासन दिया कि यदि किसी भी स्तर पर कोई अनियमितता पाई गई तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार की जांच चल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन सरकार में पैसों के लेन-देन के आधार पर काम दिए जाते थे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और कुछ को निलंबित भी किया गया है।
विपक्षी नेता ने इस बयान पर आपत्ति जताई।
विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने मंत्री के बयान पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि सरकार को आरोप लगाने की बजाय तथ्यों के आधार पर कार्रवाई करनी चाहिए और निष्पक्ष जांच कर सही जानकारी का खुलासा करना चाहिए। मंत्री कन्हैयालाल ने सदन में स्पष्ट किया कि जल जीवन मिशन के कार्य में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा यदि कोई अधिकारी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।