एनडीटीवी की खबर ने एक बार फिर बड़ा असर किया है। इसका नतीजा यह हुआ कि झुंझुनू जिले के मांडवा कस्बे में 15 साल से जंजीरों में जकड़े मुस्तफा की जंजीरें 15 साल बाद काट दी गईं और उसे इलाज के लिए ले जाया गया। दरअसल, शुक्रवार को हमने एनडीटीवी पर खबर प्रसारित की थी कि मुस्तफा अपनी मानसिक स्थिति के कारण पिछले 15 सालों से मांडवा शहर में जंजीरों में कैद है। इस मानसिक स्थिति के कारण मुस्तफा की आर्थिक स्थिति खराब हो गई।
मुस्तफा का परित्यक्त घर
मुस्तफा का पूरा घर नष्ट हो गया और यह स्थिति देखकर मुस्तफा की पत्नी अपने बेटे के साथ घर छोड़कर चली गई। बड़ी बहन मुस्तफा को दिन में दो बार खाना खिलाती थी। लेकिन उसकी हालत भी अच्छी नहीं है। ऐसे में जब एनडीटीवी ने इस खबर को प्रमुखता से प्रसारित किया तो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मामले की संवेदनशीलता का हवाला देते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत को निर्देश दिए।
परिवार ने भजनलाल सरकार का आभार जताया।
मंत्री के निर्देश के बाद विभाग के उप निदेशक डॉ. पवन पुनिया मौके पर पहुंचे। मुस्तफा के पैरों की जंजीरें किसने काटी? उसका मुंह धुलवाया गया और उसे एम्बुलेंस से जयपुर भेज दिया गया। मुस्तफा की बहन और क्षेत्र के लोगों ने अस्पताल उपलब्ध कराने के लिए भजनलाल सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है, जहां मुस्तफा का इलाज किया जाएगा। 15 साल से गुमनाम और कैदी जैसी जिंदगी जी रहे मुस्तफा को नई जिंदगी की उम्मीद किसने दी?
आपको बता दें कि इससे पहले भी एनडीटीवी ने ऐसी ही खबर चलाई थी, जिस पर कार्रवाई की गई थी। आप नीचे दिए गए लिंक पर भी पढ़ सकते हैं।