शेखपुरा जिले में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किशोर ने कहा कि इसके बावजूद जद(यू) प्रमुख अपने अजीब व्यवहार के कारण खबरों में बने रहते हैं। किशोर ने कहा कि मुख्यमंत्री के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता सबसे पहले उनके करीबी सहयोगी दिवंगत सुशील मोदी ने 2023 में जताई थी। पिछले कुछ वर्षों से बिहार के लोग उनके व्यवहार को देख रहे हैं।
किशोर ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार को प्रेस से बातचीत करने और सार्वजनिक कार्यक्रमों को संबोधित करने से रोककर उन्हें लोगों की नजरों से बचाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद, कुमार अपने अजीब व्यवहार के कारण खबरों में बने रहते हैं।
किशोर (47) ने दावा किया कि कुमार अपने कैबिनेट सहयोगियों के नाम भूल रहे हैं। दौरे के दौरान भी वह यह याद नहीं रख पाते कि वह किस जिले में हैं। बीपीएससी परीक्षाओं को लेकर हाल में हुए आंदोलन के दौरान मुझे पता चला कि उन्हें राज्य में हो रही घटनाओं की जानकारी नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि अगर मेडिकल बुलेटिन जारी किया जाता है, तो इससे लोगों के मन से नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति के बारे में कोई भी संदेह दूर हो जाएगा। लेकिन मुझे यकीन है कि वह ऐसी किसी बात के लिए राजी नहीं होंगे। इनपुट भाषा Edited by : Sudhir Sharma