कोटा के जवाहर नगर इलाके का वह हॉस्टल जहां बिहार के कोचिंग छात्र हर्षराज शंकर ने आत्महत्या की थी, अब पूरी तरह खाली हो चुका है। आत्महत्या की घटना के बाद यहां रहने वाले सभी छात्र डर के मारे छात्रावास छोड़कर चले गए हैं। इस वजह से 28 कमरों वाला यह छात्रावास अचानक वीरान हो गया है। बुधवार को एनडीटीवी राजस्थान के संवाददाता ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया और छात्रावास प्रबंधक से भी बात की। हमें बताओ उन्होंने क्या कहा?
छात्रावास प्रबंधक ने पूरी घटना बताई।
छात्रावास प्रबंधक कपिल शर्मा ने बताया, 'हर्षराज शंकर छुट्टियों में गांव गए थे। वह 20 मार्च को बिहार से कोटा लौटा था। हर्ष के साथ उसके रिश्तेदारों के बच्चे भी हॉस्टल के अन्य कमरों में रहते थे। मंगलवार रात जब उन्हीं लोगों ने हर्ष को खाने पर बुलाया तो उसने दरवाजा नहीं खोला। थोड़ी देर प्रयास करने के बाद मुझे सारी जानकारी मिल गई। फिर मैं उस जगह पहुंचा और दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन दरवाजा नहीं खुला। फिर मैंने घटना की सूचना पुलिस को दी और उन्हें बुलाया। जब पुलिसकर्मी पहुंचे और दरवाजा तोड़ा तो हर्षराज कमरे के रास्ते में लटका हुआ मिला। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने शव को नीचे उतारकर अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया।
कमरे में लगे बोर्ड पर लिखा था - सॉरी मम्मी, पापा।
छात्र हर्षराज शंकर ने आत्महत्या क्यों की? इस समय स्थिति स्पष्ट नहीं है। क्योंकि वह इस साल NEET की परीक्षा भी नहीं देने वाला था। वह इस साल 12वीं कक्षा में पहुंचा था और अगले साल उसे नीट परीक्षा देनी थी। पुलिस ने जब कमरा खोला तो कमरे में लगे बोर्ड पर 'सॉरी मॉम, डैड' लिखा हुआ मिला। लेकिन उन्होंने आत्महत्या क्यों की, इस बारे में कुछ नहीं लिखा। छात्र किस बात से तनाव में था? यहां तक कि हॉस्टल मैनेजर को भी यह बात अभी तक समझ में नहीं आई है। उसके चेहरे पर तनाव का कोई संकेत नहीं था। फिलहाल जवाहर नगर थाना पुलिस ने छात्र के कमरे को सीज कर दिया है। पुलिस कमरे में मिले मोबाइल फोन की भी जांच कर रही है।
पंखे में फांसी लगाने वाला उपकरण लगा था, इसलिए उसने सड़क पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
छात्रावास प्रबंधक कपिल शर्मा ने बताया कि छात्रावास के सभी कमरों में फांसी रोधी उपकरण लगा दिए गए हैं। जिस कमरे में छात्रा ने आत्महत्या की, वहां फांसी रोधी उपकरण भी लगाया गया था। छात्र ने पहले पंखे से लटककर आत्महत्या का प्रयास किया, जिसमें वह असफल रहा। लेकिन फिर उसने कमरे और बाथरूम के बीच लोहे की रॉड से फांसी लगा ली।
पिता किसान हैं, पढ़ाई में वे औसत छात्र थे।
मृतक छात्र हर्ष राज शंकर के पिता बिहार के नालंदा में किसान हैं। छात्र पिछले साल अप्रैल में कोटा आया था। छात्रावास से मिली जानकारी के अनुसार छात्र पढ़ाई में औसत छात्र था। वह पढ़ाई के लिए नियमित रूप से कोचिंग जाता था। मृतक के परिजन आज हर्षराज शंकर का पार्थिव शरीर लेने बिहार से कोटा पहुंच गए हैं। उनकी मंजूरी के बाद जल्द ही पोस्टमॉर्टम शुरू होगा, जिसके बाद शव परिवार को सौंप दिया जाएगा।